MP High Court Chief Justice: दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर जज सुरेश कुमार कैत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा की है। इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन अब यह पद सुरेश कुमार कैत को सौंपा जाएगा।
वर्तमान चीफ जिस्टिस संजीव सचदेवा से भी सीनियर हैं जस्टिस सुरेश कुमार
जस्टिस सुरेश कुमार कैत, दिल्ली हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और अनुसूचित जाति से सम्बंधित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए अनुशंसित किया गया है। कॉलेजियम ने अपनी अनुशंसा में कहा कि ऑल इंडिया सीनियोरिटी लिस्ट ऑफ हाई कोर्ट जजेस की सूची में जस्टिस कैत पांचवें स्थान पर हैं। वे वर्तमान में मप्र हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा से भी वरिष्ठ हैं।
कौन हैं जस्टिस सुरेश कुमार कैत
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत का जन्म हरियाणा के कैथल जिले में हुआ था। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मानविकी और राजनीति विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर किया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वह अपने परिवार में पहले वकील थे। उन्होंने केंद्र सरकार के लिए स्थायी वकील के रूप में काम किया और 2013 में दिल्ली उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने। 2016 में आंध्रप्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था।
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इन प्रमुख मामलों की सुनवाई में रही जस्टिस केस की भूमिका
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत के न्यायिक जीवन में कई महत्वपूर्ण मामले शामिल हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं
– जामिया हिंसा केस: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के मामलों में न्यायमूर्ति कैत ने सुनवाई की और महत्वपूर्ण आदेश जारी किए ¹ ²।
– सीएए विरोध प्रदर्शन मामले: न्यायमूर्ति कैत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से संबंधित मामलों की सुनवाई की और कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।
– पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (पीआईएल): न्यायमूर्ति कैत ने कई जनहित याचिकाओं पर महत्वपूर्ण आदेश दिए, जिनमें सार्वजनिक अधिकारों और हितों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।