Doctors Strike In MP: कोलकाता रेप केस को लेकर देशभर में डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूछा है कि पहले दिए आदेश के बावजूद अदालत की अनुमति के बिना भोपाल में डॉक्टर्स हड़ताल पर क्यों गए हैं।
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
MP हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन जीएमसी भोपाल को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप, ईमेल के माध्यम से तत्काल नोटिस भेजा जाए। इस मामले में शनिवार को दोबारा सुनवाई होगी।
बिना अनुमति हड़ताल पर नहीं जा सकते डॉक्टर्स
नरसिंहपुर के रहने वाले अंशुल तिवारी ने डॉक्टरों की हड़ताल को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल और अभिषेक पांडे ने बताया कि 2023 में भी इसी मामले को लेकर जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। हाईकोर्ट की बेंच ने उन मामलों में साफ निर्देश दिए थे कि अदालत की अनुमति बिना डॉक्टर्स हड़ताल पर नहीं जा सकते।
कोर्ट ने ये भी कहा था कि टोकन स्ट्राइक पर जाने के लिए भी कोर्ट की अनुमति जरूरी है। इसके बावजूद प्रदेशभर में डॉक्टर्स हड़ताल (Doctors Strike In MP) पर जा रहे हैं, जिससे चिकित्सा व्यवस्था चरमरा रही है।
कोलकाता केस को लेकर डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी है। भोपाल में एम्स के बाद हमीदिया अस्पताल के जूनियर डॉक्टर ने गुरुवार रात 12 बजे से काम बंद कर दिया है। इंदौर में भी जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी केस ही देख रहे हैं।
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सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू
भोपाल, जबलपुर में भी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखने का फैसला लिया है। निजी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी। हड़ताल की वजह से ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बिगड़ने लगी है। इलाज के लिए मरीजों की लाइन लग रही हैं। पैथोलॉजी टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। परिजन भी परेशान हो रहे हैं।