हाइलाइट्स
- ग्वालियर से गन लाइसेंस बनाने में फर्जीवाड़ा उजागर।
- तीन हथियार लाइसेंस मैन्युअल रूप से फर्जी पाए गए।
- एडीएम, कलेक्टर के हस्ताक्षर और यूनिक ID नकली।
Gwalior Gun License Fraud: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बंदूक लाइसेंस को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इससे यह चिंता बढ़ गई है कि कहीं आम लोगों के पास मौजूद गन लाइसेंस भी नकली तो नहीं हैं। जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों ने पिस्टल और रिवॉल्वर के फर्जी लाइसेंस (Pistol revolver licence fraud) तैयार कर लिए थे। अब तक ऐसे तीन नकली लाइसेंस पकड़ में आ चुके हैं। फर्जी लाइसेंस के नाम पर लोगों से ठगी की गई। हैरानी की बात यह है कि इन नकली दस्तावेजों में ADM की सील और हस्ताक्षर भी हूबहू असली जैसे लगाए गए थे। यहां तक कि इनमें यूनिक ID नंबर भी दिए गए, जिससे ये दस्तावेज पूरी तरह असली लगें।
गन लाइसेंस बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हतियारों का चलन किसी से छिपा नहीं। जब प्रदेश में गन लाइसेंस के प्रति बढ़ती सख्ती के बीच ग्वालियर से चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा मामला सामने आया है। यहां तीन हथियार लाइसेंस मैन्युअल रूप से नकली बनाए गए पाए गए हैं। इनमें ADM और कलेक्टर के सिग्नेचर, यूनिक ID और फोटो सहित असली जैसी सुविधाएं थीं। अब मामले में जिला प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए। (Gwalior fake gun license)
लाइसेंस को लेकर गृह मंत्रालय की सख्ती
ग्वालियर में जिन तीन लोगों के नाम फर्जी बंदूक लाइसेंस में सामने आए हैं, उनके दस्तावेजों में अपर कलेक्टर और कलेक्टर के हस्ताक्षर तक नकली तरीके से लगाए गए थे। यही नहीं, इन नकली लाइसेंसों में फर्जी यूनिक ID नंबर भी जोड़ दिए गए। जांच में सामने आया है कि दलालों ने हथियार प्रेमी लोगों से पैसा लेकर नकली पिस्टल लाइसेंस की डायरी थमा दी। ये लाइसेंस बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब जबकि गन लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और सॉफ्टवेयर बेस्ड हो चुकी है, फिर भी हाथ से बनी डायरी में यह नकली लाइसेंस तैयार किए गए। गृह मंत्रालय ने बंदूक लाइसेंस को लेकर पहले ही सख्ती बरती है, इसके बावजूद यह फर्जीवाड़ा सामने आना प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
नकली लाइसेंस कैसे बनाए गए?
कुछ दलालों ने फर्जी बंदूक लाइसेंस डायरी बनाकर हथियार प्रेमियों को बेचे। इन दस्तावेज़ों में शामिल थीं…
- एडीएम और कलेक्टर के हस्ताक्षर और सील
- फर्जी यूनिक ID नंबर
- फर्जी वैधता (2026–2027 की तारीखें)
- फोटो चिपकाना
तीन फर्जी लाइसेंस सामने आए
- एदल सिंह (ग्राम गिरगांव): लाइसेंस हाथ से लिखा, वैधता–मार्च 2027
- अमित सिंह राजावत (पिंटो पार्क): यूनिक ID में 2027 अंकित
- रामनिवास सिंह (डीडी नगर): फोटो सहित और 2026 की ID
कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए
मामले में ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान (Gwalior Collector Ruchika Chauhan) ने अधिकारियों को मामले पर तुरंत जांच आदेश दिए हैं। भविष्य में और भी नकली लाइसेंस मिलने की जांच की जा रही है। ग्वालियर में कुल 34,000 लाइसेंस हैं, जिनमें 2,000 पिस्टल-रिवॉल्वर लाइसेंस शामिल हैं।
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