रिपोर्ट- पंकज श्रीवास्तव
Guna Forest Land: गुना जिले के राघौगढ़ तहसील अंतर्गत आनंदपुर मोईया क्षेत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर प्रशासन और वन विभाग ने 99 हेक्टेयर (लगभग 500 बीघा) वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है। यह भूमि करीब 15 करोड़ रुपए की बताई जा रही है। कार्रवाई में 5 जेसीबी और 200 से अधिक कर्मचारियों की मदद ली गई। यह भूमि अब वन विभाग को सौंपी जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
- 1. वन भूमि पर अतिक्रमण: राघौगढ़ के वन कंपार्टमेंट नंबर 678 में 64 पेड़ों की कटाई और 26.487 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया।
- 2. वन भूमि पर खेती: रिपोर्ट में पाया गया कि 7.457 हेक्टेयर वन भूमि पर खेती हो रही थी और 23 व्यक्तियों ने 19.03 हेक्टेयर पर कब्जा कर लिया था।
- 3. राजस्व पट्टों में अनियमितता: जिला प्रशासन द्वारा वन भूमि पर 30 राजस्व पट्टे जारी किए गए, जो भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4(1) का उल्लंघन है।
एनजीटी का आदेश
- 1. अतिक्रमण हटाने का निर्देश: एनजीटी ने कलेक्टर गुना और तहसीलदार राघौगढ़ को सभी अतिक्रमण हटाने और वन भूमि का सीमांकन कर शांतिपूर्ण कब्जा वन विभाग को सौंपने का आदेश दिया।
- 2. रिपोर्ट में गंभीरता: रिपोर्ट के अनुसार, 100 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि पर अवैध कब्जा है। एनजीटी ने इसे गंभीर मामला मानते हुए अधिकारियों को समय पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
- 3. राजस्व पट्टों की जांच: एनजीटी ने त्रुटिपूर्ण राजस्व पट्टों को निरस्त करने और वन भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
अगली सुनवाई
एनजीटी ने इस मामले में कलेक्टर और तहसीलदार को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कार्यवाही की जानकारी देने को कहा है।
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NGT के आदेश की प्रति
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