Guest Teacher Namrata Patel Case: एमपी के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक महिला अतिथि शिक्षक को बुरा चरित्र बताकर हटा दिया। सरकारी दस्तावेजों में अपने चरित्र को सही करने के लिए बीते दो महीनों से 200 किमी दूर से एक महिला आकर लोक शिक्षक संचालनालय यानी डीपीआई के चक्कर लगा रही है। महिला इस जिद पर अड़ी है कि विभाग के अधिकारी या तो बुरा चरित्र का प्रमाण दें या फिर अच्छे चरित्र के साथ उसे वापस नौकरी दे।
ये है पूरा मामला
सागर जिले के केसली ब्लॉक अंतर्गत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहजपुर में कई सालों से नम्रता पटेल बतौर अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। 23 सितंबर को इस स्कूल में स्टूडेंट्स का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होता है।
जिस दिन की ये घटना है, उस दिन नम्रता पटेल दोपहर 1.30 बजे तक स्कूल में नहीं थी, बल्कि सेकंड शिफ्ट में दोपहर 2 बजे से तिमाही परीक्षा की तैयारियों के संबंध में स्कूल पहुंची थी।
इसके बावजूद 27 सितंबर को इसी घटना को लेकर नम्रता को न सिर्फ अतिथि शिक्षक की सेवाओं से हटा दिया गया, बल्कि अधिकारियों ने बुरा चरित्र की टीप भी लिख दी।
फफक फफकर रोई अतिथि
भोपाल में डीपीआई पहुंची महिला अतिथि शिक्षक नम्रता अपनी पीड़ा बताते हुए फफक फफकर रो पड़ी। नम्रता ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने मेरा बुरा चरित्र बताकर पूरे गांव में मेरी बदनामी की है।
ये मेरे लिए सम्मान की लड़ाई है। अधिकारियों को अच्छे चरित्र के साथ मुझे उसी स्कूल में वापस लेना ही होगा, नहीं तो वो मेरे बुरे चरित्र को साबित करे।
पति और देवर की भी गई नौकरी
नम्रता के पति देवेंद्र और देवर धर्मेन्द्र पटेल भी अतिथि शिक्षक हैं। इसी प्रकरण में उनकी भी नौकरी चली गई। नम्रता के पति उसके साथ सहजपुर के स्कूल में ही अतिथि शिक्षक हैं।
सम्मान की लड़ाई: बुरा चरित्र बताकर महिला अतिथि को हटाया, अब अच्छे चरित्र के साथ वापस नौकरी की मांग पर अड़ी शिक्षिका
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) November 28, 2024
घटना वाले दिन वह स्कूल में अनुपस्थित थे यानी पूरे दिन स्कूल गए ही नहीं थे। वहीं नम्रता के देवर सहजपुर से 8 किमी दूर अन्य स्कूल में अतिथि शिक्षक हैं। बावजूद इस दोनों की भी इसी प्रकरण में नौकरी चली गई है।
प्राचार्य ने जाते जाते छीन ली नौकरी
स्टूडेंट्स के आपत्तिजनक वीडियो के मामले में 27 सितंबर को दोपहर 12 बजे तात्कालिक प्राचार्य को हटाने के आदेश हुए। नये प्राचार्य ने स्कूल 28 सितंबर को ज्वाइन किया। मतलब 27 सितंबर के दोपहर 12 बजे के बाद से 28 सितंबर को नये प्राचार्य के ज्वाइन करने तक स्कूल का कोई अधिकृत प्राचार्य नहीं था।
लेकिन तत्कालीन प्राचार्य ने उन्हें हटाए जानें के बावजूद 27 सितंबर की शाम 4 बजे के बाद नम्रता, उसके पति और देवर को अतिथि सेवा से न सिर्फ बाहर किया, बल्कि उनकी आईडी तक डिलीट कर दी।
भविष्य में भी नहीं बन सकेंगे अतिथि
एक अतिथि शिक्षक के लिए उसकी आईडी बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसमें उसका अनुभव भी दर्ज होता है। अतिथियों की ज्वाइनिंग के समय स्कोर कार्ड यानी एक तरह की मेरिट बनाई जाती है। इस स्कोर कार्ड में अनुभव के अंक भी जुड़ते हैं। अनुभव का हिसाब आईडी में ही दर्ज होता है।
आईडी डिलीट होने का मतलब अतिथि के रूप में किये गए काम और अनुभव का जीरो होना है। ऐसे में नम्रता या उसके पति और देवर नई आईडी के साथ अतिथि के रूप में आवेदन करेंगे तो उनके अनुभव के अंक शामिल नहीं होंगे। स्कोर कार्ड में अंक कम होने से ये अब विभाग की वरीयता में कभी आ ही नहीं पाएंगे।
मानहानी का नोटिस जारी
नम्रता पटेल ने अब इसे अपने सम्मान की लड़ाई बना ली है। नम्रता ने कोर्ट में मानहानी की याचिका दाखिल कर दी है। जिसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी सागर और अन्य जिम्मेदारों को नोटिस जारी हुए हैं।
मामले की सुनवाई 3 दिसंबर को होना है। नम्रता ने चेतावनी दी है कि सरकारी दस्तावेजों में उसके चरित्र को सही नहीं किया गया तो वो डीपीआई के सामने ही आत्मदाह कर लेगी।
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डीईओ देते रहे गोलमोल जवाब
बंसल न्यूज डिजिटल ने इस पूरे मामले में सागर के जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन से बात की तो वो कोई स्पष्ट जवाब ही नहीं दे सके। इस पूरे मामले में अरविंद जैन सिर्फ इतना ही कह सके कि मामला जांच में चल रहा है।
जांच पूरी होने के बाद ही वे कुछ कह सकेंगे। डीईओ अपने जवाब में इतना भी नहीं बता सके कि दो महीने से चल रही ये जांच आखिर पूरी कब तक होगी।