MP Guest Teacher Protest: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। 10 सितंबर को राजधानी भोपाल में होने वाले अतिथियों के महाआंदोलन से ठीक एक दिन पहले 9 सितंबर, सोमवार को अचानक बड़ी संख्या में गेस्ट टीचर लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI पहुंच गए।
बिना कोई पूर्व सूचना के बड़ी संख्या में अतिथियों के डीपीआई पहुंचने पर मौजूद गार्ड ने चैनल गेट लगा दिया। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने हंगामा कर दिया। अतिथि अफसरों से मिलने की बात पर अड़े थे।
जब अतिथियों को डीपीआई के अंदर नहीं जाने दिया तो एक अतिथि शिक्षक ने दुखी होकर अपनी डिग्री जमीन पर फेंक दी (MP Guest Teacher Protest) और वहीं बैठ गया।
बड़ी संख्या में अचानक DPI क्यों पहुंचे अतिथि
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग की डेट 9 सितंबर है। पोर्टल में विसंगतियों के कारण 7 से 8 बार इस तारीख को बढ़ाया जा चुका है।
8 सितंबर तक जब ये डेट नहीं बढ़ी और कई अतिथि शिक्षक ज्वाइन नहीं कर पाए तो हड़बड़ाहट में पूरे प्रदेश से अतिथि डीपीआई में जुटने लगे। देखते ही देखते भीड़ बढ़ गई, जिसके बाद तुरंत पुलिस बल को बुलाया गया।
हजारों अतिथि शिक्षक हुए ब्लैक लिस्टेड
बीते शैक्षणिक सत्र जिन अतिथि शिक्षकों ने बोर्ड क्लास में 30% भी रिजल्ट नहीं दिया है, विभाग ने उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। यह संख्या थोड़ी बहुत नहीं, बल्कि 6 हजार से भी कहीं ज्यादा है।
DPI के बाहर अतिथियों का बवाल: ज्वाइनिंग की मांग लेकर पहुंचे अतिथि ने जमीन पर फेंकी डिग्री, ब्लैक लिस्ट हुए हैं हजारों अतिथि शिक्षक!@DrMohanYadav51 @udaypratapmp @NEYU4MP @MPYuvaShakti @schooledump @UmangSinghar @jitupatwari @GaustTeacherMP0 @TeenajeetPatid2 @AIGTA2011_Delhi… pic.twitter.com/XvDw8q6thi
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 9, 2024
डीपीआई पहुंचे इन अतिथियों की मांग है कि ये नियम गलत है। इसे हटाकर सरकार को उन्हें एक मौका और देना चाहिए। जो 10 से 15 सालों से अतिथि व्यवस्था में है, वो एकदम से अब कहां जाएंगे।
ब्लैक लिस्टेड अतिथि शिक्षकों का ये तर्क
ब्लैक लिस्टेड अतिथि शिक्षकों ने तर्क दिया कि खराब रिजल्ट के लिए सिर्फ वो दोषी नहीं नियमित शिक्षक भी उतना ही जिम्मेदार है। 8वीं तक बच्चे को फेल नहीं किया जाता, इससे 9वीं में जो बच्चा आता है वो शैक्षणिक स्तर पर पहले से ही कमजोर रहता है।
इससे आने वाले क्लास के रिजल्ट पर असर पड़ता है। वहीं अतिथि शिक्षकों को पूरे साल पढ़ाने का मौका भी नहीं दिया जाता। ऐसे में 30% रिजल्ट वाला नियम गलत है, जिसे हटाकर अतिथियों को ज्वाइनिंग देना चाहिए।
10 सितंबर को अतिथियों का महाआंदोलन
10 सितंबर, मंगलवार को अतिथि शिक्षकों का भोपाल में महाआंदोलन है। अतिथि शिक्षक सीएम हाउस का घेराव करेंगे। 9 सितंबर की रात से ही अतिथि भोपाल पहुंचना शुरु कर देंगे।
सोमवार को डीपीआई में हुए प्रदर्शन में शामिल अधिकांश अतिथि भोपाल में ही डेरा जमा चुके हैं। इस प्रदर्शन में प्रदेशभर के हजारों अतिथि भोपाल की सड़कों पर उतरेंगे।
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अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें
1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों।
2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए।
3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए।
4. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए।
5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।
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40 दिनों में भी अतिथियों की नियुक्ति नहीं
शैक्षणिक सत्र शुरु हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है। त्रिमासिक परीक्षा सिर पर है और विभाग का आलम ये है कि वो 40 दिनों में भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सका है।
1 से 7 अगस्त तक हो जाने वाली इन नियुक्ति की डेट 7 से 8 बार बढ़ाई जा चुकी है। सिलेबस तेजी से आगे निकल रहा है। बाद में इन्हीं अतिथियों के भरोसे विभाग बेहतर रिजल्ट के सपने देखेगा, जिन्हें पूरे शैक्षणिक सत्र पढ़ाने का मौका तक नहीं मिला।