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MP Govt Soyabean Kharidi: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बेहद जरूरी खबर है। मोहन सरकार 25 अक्टूबर से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन को खरीदेगी। ये खरीदी किसानों से 4892 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी, जो कि 31 दिसंबर तक चलेगी। इसके लिए किसानों को 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। आपको बता दें कि ये पहला मौका है, जब MSP पर सोयाबीन की खरीदी होगी। इसका लाभ 58 लाख हेक्टेयर मे बुआई करने वाले किसानों को होगा।
CM मोहन यादव ने एक्सपर दी जानकारी
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा- सोयाबीन की खरीदी 25 अक्टूबर से शुरू होगी, जो कि 31 दिसंबर तक चलेगी। इसके साथ ही सीएम ने इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए।
https://twitter.com/CMMadhyaPradesh/status/1834266511118082400
इस दिन से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
प्रदेश के किसानों को सोयाबीन की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये रजिस्ट्रेशन 25 सितंबर से शुरू होंगे, जो कि 15 अक्टूबर तक चलेंगे। इसलिए समय रहते किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें ताकि, बाद में कोई पेरिशानी का सामना नहीं करना पड़े।
इसके लिए किसानों को अपने करीबी कॉमन सर्विस सेंटर CSC या MP ऑनलाइन सेंटर जाना होगा। ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान का मोबाइल नंबर दर्ज करने पर OTP आएगा। ओटीपी को दर्ज करते ही किसान की खेती से जुड़ी सारी जानकारी खुल जाएगी। इसके बाद फसल का विवरण दर्ज कराना होगा। किसान MP Kisan app से भी अपना पंजीयन कर सकते हैं। पंजीयन के लिए आधार नंबर और बैंक पासबुक की जरूरत पड़ेगी।
एक किसान से की जाएगी इतनी सोयाबीन खरीदी
बता दें कि सरकार ने तय ये किया है कि कुल उत्पादन की 40 फीसदी सोयाबीन ही खरीदा जाएगा। इसमें किसानों के लिए लिमिट तय होगी। यह कितनी होगी, फिलहाल सरकार ने इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है।
कहां बनाए जाएंगे खरीदी केंद्र
सोयाबीन की खरीदी के लिए जिला स्तरीय उपार्जन समिति जिले में खरीद केंद्र बनाएगी। तय केंद्रों पर खरीदी होगी। उपज का भुगतान किसानों के खातों में सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा।
एमपी में सोयाबीन का उत्पादन इतना
देश के कई राज्यों में सरकार MSP पर सोयाबीन खरीदती है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं था। इसके लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी की मांग की थी। केंद्र सरकार ने उन्हें इसके लिए अनुमति दे दी। अब एमपी के किसानों को भी सरकार ने बड़ी सौगात दी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन 42 प्रतिशत होता है। यही वजह है कि इसे सोया स्टेट भी कहा जाता है। मतलब साफ है कि देश में जितना सोयाबीन का उत्पादन होता है, उसमें से आधे से ज्यादा की भरपाई एमपी के किसान करते हैं।
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