MP Govt Hospital: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पिछले 2 महीने में अमानक पाई गईं 13 दवाओं के बाद प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने बड़ा कदम उठाया है। अब अगर किसी दवा असर मरीजों पर नहीं होता है या कम होता है, तो ऐसे में डॉक्टर स्वयं उस दवा की जांच कराएंगे। इसके साथ ही हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट, सिविल सर्जन और अन्य अफसरों को भी इस बात की तुरंत जानकारी देंगे।
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का बड़ा फैसला: सरकारी अस्पताल की दवा ने नहीं किया असर, तो अब डॉक्टर कराएंगे जांच#MPNews #GovtHospital #doctor #MPMedicalTeachersAssociationhttps://t.co/TNba5xfQGp
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 6, 2024
एसोसिएशन ने इसलिए लिया फैसला
आपको बता दें कि प्रदेश के गवर्मेंट हॉस्पिटलों में दवाओं की गुणवत्ता और पिछले 2 महीनों में 13 दवाएं अमानक पाए जाने के बाद प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने ये बड़ा फैसला लिया है। अब अगर दवा असर नहीं करेगी तो डॉक्टर खुद जांच कराएंगे।
जो दवाएं अमानक पाई गईं थी, उनमें ऑपरेशन के दौरान दी जाने वाली दवाओं के अलावा भी कई जीवनरक्षक दवाएं भी शामिल थीं। इतना ही नहीं बच्चों को दिए जाने वाला ORS भी जांच में अमानक निकला था।
डॉक्टरों का पहला कर्तव्य, मरीजों का हित
वहीं प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय के कहा कि मरीजों के लिए डॉक्टरों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। डॉक्टरों का पहला कर्तव्य मरीजों का हित है। अगर दवा में गड़बड़ी दिखती है, तो डॉक्टरों को तत्काल प्रतिक्रिया करना चाहिए।
विभागीय अधिकारियों ने CMHO को ठहराया जिम्मेदार
वहीं बुधवार 7 सिंतबर को स्वाथ्य विभाग की हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एक जिले के CMHO ने ORS और अन्य जीवन रक्षक दवाओं के अमानक होने की बात कहते हुए अपना पक्ष रखा था। इस पर विभागीय अफसरों ने उल्टा CMHO को ही जिम्मेदार ठहराया और दवाओं के गलत मेंटेनेंस का आरोप लगाया। इसे देखते हुए अफसरों ने जांच कराने का आश्वासन भी दिया था।
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