MP Govt. Employeess Protest: मध्य प्रदेश में गुरुवार को सरकारी कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन किया। अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सतपुड़ा भवन के सामने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा।
भोपाल जिला मोर्चा के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने कहा कि मोर्चा ने लगभग सभी वर्गों के कर्मचारियों की मांगों को शामिल किया है, जिनके समर्थन में कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं। यह प्रदर्शन सरकार को चेतावनी देने के उद्देश्य से किया गया है।
भोपाल में सतपुड़ा भवन पर प्रदर्शन
सतपुड़ा भवन भोपाल में मोर्चे के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मोर्चा के प्रदेश संयोजक एस बी सिंह, राज्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मोहन अय्यर, शिक्षक कांग्रेस अध्यक्ष सतीश शर्मा और अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए।
चार चरणों में होगा आंदोलन
मोर्चा ने 16 जनवरी से 16 फरवरी तक चार चरणों में आंदोलन का निर्णय लिया है। पहले चरण में ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद अन्य चरणों में प्रदर्शन, धरना और व्यापक आंदोलन किया जाएगा। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष उमाशंकर ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा के कारण यह आंदोलन शुरू किया गया है। 16 जनवरी को राजधानी भोपाल समेत पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी आलोक सोनी और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया।
51 सूत्रीय मांगों में से प्रमुख मांगें
- जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ता लागू करना।
- पेंशन हेतु सेवा अवधि 25 वर्ष करना।
- अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी की शर्त खत्म करना।
- लिपिक वर्ग की वेतन विसंगति दूर कर समान वेतनमान लागू करना।
- पदोन्नति शुरू करना और संविदा कर्मियों को नियमित करना।
- वाहन और गृह भाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान के अनुसार देना।
- आउटसोर्स और टैक्सी प्रथा बंद करना।
कर्मचारी नेता का सरकार पर आरोप
सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। जहां अन्य राज्यों में कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं और वेतन भत्ते दिए जा रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश सरकार अपने वादों से पीछे हट रही है।
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इन वर्गों के कर्मचारी हुए शामिल
आंदोलन में शिक्षक, पटवारी, वन कर्मी, संविदा कर्मचारी, लिपिक, भृत्य समेत सभी वर्गों के कर्मचारी शामिल हुए। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्य प्रदेश सहित कई अन्य कर्मचारी संगठनों ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया।