हाइलाइट्स
- स्कूल ड्रॉपआउट बच्चों के लिए एमपी सरकार की वेद योजना
- तकनीकी शिक्षा देकर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएगी सरकार
- तीन जिलों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, जून में एडमिशन
MP Veda Yojana: मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों (school dropouts) के भविष्य को संवारने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार इन बच्चों के लिए ‘वोकेशनल एजुकेशन फॉर ड्रॉपआउट’ (Veda) नाम की योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के माध्यम से स्कूल छोड़ चुके बच्चों को तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस स्कीम का उद्देश्य पढ़ाई से वंचित हो चुके बच्चों को तकनीकी शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है, ताकि वे रोजगार और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ सकें। यह योजना राज्य के तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही है।
स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए खास योजना
मध्य प्रदेश में अब वो बच्चे जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं, उनका भविष्य संवरने वाला है। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य में ‘वोकेशनल एजुकेशन फॉर ड्रॉपआउट’ ‘वेद’ (Veda) योजना की शुरुआत करने जा है जिसका उद्देश्य बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वोकेशनल एजुकेशन को अनिवार्य किया गया है। शुरुआती चरण में इस योजना से 1200 स्टूडेंट्स को जोड़ने की तैयारी है। इस योजना के तहत दो साल के कोर्स में आठ तकनीकी क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसे दसवीं के समकक्ष मान्यता दी जाएगी।
तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट से होगी शुरुआत
इस योजना का संचालन मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इस योजना की शुरुआत तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट से होगी। पहले चरण में यह योजना उज्जैन दक्षिण, गाडरवारा (नरसिंहपुर) और सारंगपुर (राजगढ़) विधानसभा क्षेत्रों में शुरू की जा रही है। इन तीनों जिलों में जून से एडमिशन शुरू होंगे और प्रत्येक क्षेत्र में एक-एक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा।
दो साल का व्यावसायिक प्रशिक्षण और कोर्स
‘वेद’ योजना में छात्रों को दो साल का तकनीकी पाठ्यक्रम कराया जाएगा, जिसमें प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग, फैब्रिक डिजाइनिंग, रेफ्रिजरेशन, एयर कंडीशनिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रिपेयरिंग जैसे कोर्स शामिल होंगे। ये सभी कोर्स इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि स्टूडेंट्स को न केवल नौकरी मिले, बल्कि वे स्वयं व्यवसाय या कारखाना भी खोल सकें।
हिंदी और संस्कृत होगा पाठ्यक्रम
सरकार की इस खास योजना के तहत तकनीक शिक्षा के लिए दो साल का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें हिंदी और संस्कृत प्रमुख माध्यम होंगे, और अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया गया है। छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए 8 अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें IIT स्तर की सुविधाएं होंगी। साथ ही, इस कोर्स को दसवीं के समकक्ष पढ़ाई की मान्यता दी जाएगी। इसमें प्लंबिंग से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल रिपेयरिंग तक स्किल सिखाए जाएंगे।
सचिव रघुराम राजेन्द्रन ने दिया कॉन्सेप्ट
‘वेद’ योजना का पूरा कॉन्सेप्ट तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव रघुराम राजेन्द्रन ने तैयार किया है। राज्य ओपन बोर्ड के साथ टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट और पंडित सुंदरलाल शर्मा वोकेशनल इंस्टीट्यूट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को जोड़ा गया है। इसमें
सहयोगी संस्थानों से मिलकर करार किया गया है।
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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
राज्य ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी के अनुसार, वोकेशन एजुकेशन फॉर ड्रॉप आउट (वेद) योजना तकनीकी शिक्षा के एक मॉडल के रूप में पूरे प्रदेश में लागू की जा सकती है। दो साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्र न केवल जॉब के योग्य होंगे, बल्कि वे स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
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