हाईलाइट्स
- एमपी में पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की तैयारी पूरी।
- SC के 16% और ST के 20% पद पहले भरे जाएंगे।
- नए नियम से करीब 4 लाख कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
MP Government Promotion Rule 2025: मध्य प्रदेश में नौ वर्षों से रुकी पदोन्नतियों का रास्ता अब साफ होता दिख रहा है। राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण को लेकर नया प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रियों ने सहमति दे दी है। इस नियम के अनुसार पहले SC (scheduled caste) के 16% और ST ((Scheduled Tribes) के 20% पद भरे जाएंगे, फिर सभी कर्मचारियों को समान अवसर मिलेगा। यह प्रक्रिया क्लास-1 और क्लास-2 अधिकारियों के लिए अलग आधार पर चलेगी। करीब 4 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को राहत मिलने जा रही है।
MP में पदोन्नति में आरक्षण का नया नियम तैयार
मध्य प्रदेश सरकार ने पदोन्नति (Promotion) में आरक्षण (Reservation) को लेकर वर्षों से लंबित मुद्दे पर ठोस कदम उठाया है। अब पदोन्नति में आरक्षण का नियम अब जल्द लागू होने जा रहा है। अब पदोन्नति में पहले एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग के लिए 16 प्रतिशत और एसटी (अनुसूचित जनजाति) वर्ग के लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे। इन पदों को पहले भरा जाएगा, इसके बाद अनारक्षित पदों पर सभी वर्गों को समान अवसर मिलेगा। इससे आरक्षित वर्गों को प्राथमिकता मिलेगी, लेकिन अनारक्षित वर्ग भी पीछे नहीं रहेगा।
जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने इसको लेकर प्रेजेंटेशन दिया। जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM MOHAN YADAV) और मंत्रियों ने देखा। सीएम इससे पहले भी दो बार इसका बारीकी से अध्ययन कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि मंत्रीमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव मंजूरी के लिए दी सकती है।
दो तरीके से बनेगी प्रमोशन सूची
- क्लास-1 अधिकारी: मैरिट कम सीनियरिटी आधार पर चयन होगा, जिसमें ACR के अंक अहम होंगे।
- क्लास-2 और निचले पदों के लिए: सीनियरिटी कम मैरिट फॉर्मूले से सूची बनेगी।
दावा है कि यह मॉडल सभी वर्गों को समान रूप से संतुष्ट करने की कोशिश है। इससे 4 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पदोन्नति का रास्ता खुलेगा।
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ACR होगी प्रमोशन की योग्यता का आधार
- सरकार ने साफ किया है कि प्रमोशन के लिए गोपनीय चरित्रावली (ACR) बेहद महत्वपूर्ण होगी। खुद की गलती से एसीआर नहीं मिली तो डीपीसी में नाम पर विचार नहीं होगा।
- उच्च पदों पर क्वालिटी जरूरी है। पिछले दो वर्षों में कम से कम एक आउटस्टैंडिंग एसीआर या 7 साल में कम से कम 4 साल की एसीआर A+ ग्रेड में होनी चाहिए।
- यदि किसी वर्ष की एसीआर गायब है और इसके लिए कर्मचारी स्वयं जिम्मेदार है, तो उसका नाम डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) में शामिल नहीं किया जाएगा।
न कोई रिवर्ट होगा, न मिलेगा लाभ
सरकार ने स्पष्ट किया है कि…
- पुराने प्रमोशन वापस नहीं लिए जाएंगे (No Revert)
- रिटायर हो चुके कर्मचारियों को इस नियम का लाभ नहीं मिलेगा।
- जिस दिन नियम का नोटिफिकेशन होगा, उसी दिन से इसे लागू माना जाएगा।
अगर SC-ST पात्र नहीं मिलते तो पद रहेंगे खाली
- नए नियमों के अनुसार सबसे पहले जनजातीय वर्ग के पद भरे जाएंगे। इसके बाद अनारक्षित को मौका दिया जाएगा।
- यदि SC/ST वर्ग में पात्र व्यक्ति नहीं मिलता है तो पद खाली छोड़े जाएंगे, उन्हें अन्य वर्गों को नहीं दिया जाएगा।
हर साल सितंबर से नवंबर के बीच DPC
- DPC प्रक्रिया हर साल सितंबर से नवंबर के बीच चलेगी
- पात्रता की तिथि 31 दिसंबर होगी।
- 1 जनवरी से रिक्त पदों को भरना शुरू किया जाएगा।
- एक पद के लिए 2 गुना उम्मीदवार + 4 अतिरिक्त उम्मीदवार बुलाए जाएंगे।
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