भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य के स्थापना दिवस 1 नवंबर को राज्य के सरकारी दफ्तरों में आधे दिन ही काम होगा। 1 नवंबर को सरकारी दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी का आदेश शनिवार को जारी कर दिए गए हैं।
बता दें कि 1 नवंबर के दिन मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। जिसमें 1 नवंबर के दिन सरकारी दफ्तरों में आधे दिन काम किए जाने और आधे दिन की छुट्टी घोषित रहने के संबंध में जानकारी दी गई है।
भोपाल में होगा भव्य आयोजन
बता दें कि मध्यप्रदेश के 67वें स्थापना दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 1 नवम्बर 2022 को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह लाल परेड ग्राउंड, भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। संचालक, संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देशानुसार सुप्रतिष्ठित शंकर-एहसान-लॉय बैण्ड की गीत-संगीत प्रस्तुति व नई दिल्ली की सुप्रतिष्ठित कोरियोग्राफर मैत्रेयी पहाड़ी के निर्देशन में 400 कलाकारों द्वारा “शिव महिमा” नृत्य नाटिका संयोजित है। स्थापना दिवस समारोह 1 नवम्बर, 2022 को संध्या 7 बजे से प्रारंभ किया जाएगा।
“शिव महिमा” नृत्य नाटिका
मध्यप्रदेश राज्य का सौभाग्य है कि बारह ज्योतिर्लिंगों में से दो ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश में स्थित हैं। इन ज्योतिर्लिंगों के होने से मध्यप्रदेश का आध्यात्मिक मानस और संस्कृति शैव भक्ति और ज्ञान की दृष्टि से ओत-प्रोत है। मध्यप्रदेश ने देश के सबसे विस्तृत आध्यात्मिक प्रतीकों से अलंकृत कॉरिडोर ‘श्री महाकाल लोक’ का अभी हाल ही में लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से कराया है। 67वां मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस समारोह शैव भक्ति एवं ज्ञान आधारित मनाया जाना जा रहा है। राज्य की इस उपलब्धि को मध्यप्रदेश के गौरव के रूप में स्थापित और जन-जन तक विस्तारित करने के प्रयत्न किए जा रहे है। इस दृष्टि से समवेत नृत्य-नाट्य प्रस्तुति प्रदेश के होनहार कलाकारों के माध्यम से तैयार कराया जाकर 40 मिनट की कराई जावेगी। शून्य से शिव, शिव से कालातीत महाकाल की कथा नृत्य संगीत एवं 3डी तकनीकी संयोजन के साथ प्रस्तुत की जायेगी। प्रस्तुति के लिए बहुतलीय मंच एवं सेट संयोजित किया जाएगा, जिस पर सारे प्रतीक यथा डमरु, त्रिशूल, नन्दी, जटा, गंगा आदि को समाहित करते हुये शिव प्रसंगों की समवेत प्रस्तुति होगी।
गीत-संगीत प्रस्तुति
इस अवसर पर देश के सुविख्यात शंकर-एहसान-लॉय बैंड की गीत—संगीत प्रस्तुति संयोजित की जा रही है। यह भारतीय संगीतकारों की तिकड़ी है, यह तिकड़ी शंकर महादेवन, एहसान नूरानी और लॉय मेंडोंसा से मिल कर बनी है और कई भारतीय फिल्मों के लिए संगीत प्रदान करती है। उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया एवं गायन कार्य किया है। जैसे मिशन कश्मीर (2000), दिल चाहता है (2001), कल हो ना हो (2003), बंटी और बबली (2005), कभी अलविदा ना कहना (2006), डॉन- द चेस बिगिन्स अगेन (2006), तारे जमीं पर (2007), रॉक ऑन (2008), वेक अप सिड (2009), माय नेम इस खान (2010), कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010), हाउसफुल (2010) और सूरमा (2018)।
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