MP ESB Topper Score Controversy: कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा आयोजित वन रक्षक और जेल प्रहारी संयुक्त भर्ती परीक्षा (2022-23) के रिजल्ट्स पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दरअसल मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की इस परीक्षा के टॉपर राजा भैया प्रजापति को नॉर्मलाइजेशन के बाद भी 100 में से 101.66 अंक मिले।
इस परिणाम को देखकर ईएसबी की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन अब इस मामले में एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है।
टॉपर ईएसबी की परीक्षा में हुआ फेल
दरअसल साल 2023 फरवरी-मार्च में ईएसबी द्वारा आयोजित हुई जेल प्रहारी और वनरक्षक परीक्षा में राजा भैया ने पूरे मध्यप्रदेश में साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं के बीच 101.66 हासिल किए।
लेकिन पांच महीने बाद आयोजित होने वाली पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में टॉपर राजा भैया न केवल फेल हुए बल्कि अपनी एससी कैटेगरी में भी क्वालीफाई भी नहीं हो पाए. हैरानी की बात यह है कि पुलिस परीक्षा का प्रश्न पत्र जेल प्रहारी परीक्षा से बहुत आसान था.
इसके बाद भी 101.66 हासिल करने वाले टॉपर फेल हुए बल्कि क्वालिफाइड भी नहीं हो पाए. अब इससे एमपी ईएसबी की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नॉर्मलाइजेशन जब किसी एग्जाम में कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा होती है तो इसे अलग-अलग दिनों या फिर दो पालियों में आयोजित किया जाता है। सभी के लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र तैयार होते हैं। यदि पहली पाली में शामिल हुए कैंडिडेट्स के एवरेज नंबर कम हैं या फिर एटेम्पट भी कम है तो उसे कठिन पेपर मान लिया जाता है। इसमें उम्मीदवारों के एवरेज मार्क्स कम रहते हैं।
वहीं, अगर दूसरी पाली में शामिल उम्मीदवारों के मार्क्स ज्यादा रहे या एटेम्पट ज्यादा होते हैं तो उसे आसान मान लिया जाता है। फिर बारी आती है ओवरऑल रिजल्ट तैयार करने की। जिसे एवरेज नंबर के आधार पर तैयार किया जाता है। इस प्रोसेस को ही नॉर्मलाइजेशन कहा जाता है।
कितने पदों पर थी भर्ती
इस भर्ती के अंतर्गत करीब वनरक्षक के 1772 पद, जेल प्रहरी के 200 पद, क्षेत्र रक्षक के 140 पद और सहायक जेल अधीक्षक के 33 पदों पर भर्ती निकली थी. इस भर्ती परीक्षा में प्रदेश भर के करीब 10 लाख कैंडिडेट्स शामिल हुए थे.