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ESB Result: MP की हर भर्ती परीक्षा में विवाद, रिजल्ट जारी करने से पहले बढ़ी ESB की टेंशन, क्यों लेनी पड़ी कोर्ट की शरण

MP ESB Result: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल रिजल्ट जारी होने से पहले ही कोर्ट में कैविएट दाखिल कर रहा है।

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Rahul Sharma
ESB Result: MP की हर भर्ती परीक्षा में विवाद, रिजल्ट जारी करने से पहले बढ़ी ESB की टेंशन, क्यों लेनी पड़ी कोर्ट की शरण

   हाइलाइट्स

  • मध्य प्रदेश की हर भर्ती परीक्षा का मामला पहुंच रहा हाईकोर्ट
  • सीधे जिम्मेदार नहीं होने पर भी ईएसबी को बनाया जा रहा पार्टी
  • कर्मचारी चयन मंडल का काम सिर्फ परीक्षा लेकर रिजल्ट जारी करना
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MP ESB Result: मध्य प्रदेश की लगभग सभी भर्ती परीक्षाओं में विवाद है। जिसके चलते किसी ने किसी कारणों से इनसे संबंधित याचिकाएं हाई कोर्ट पहुंच रही हैं।

प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कर रिजल्ट जारी करने का जिम्मा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (EMPLOYEES SELECTION BOARD) यानी ईएसबी (ESB) की है।

लगभग हर ​परीक्षाओं के विवादित होने से ESB की टेंशन बढ़ गई है। जिसके वजह से वह अब रिजल्ट जारी करने से पहले ही कोर्ट की शरण ले रहा है।

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   कोर्ट जाने की ये वजह

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कर्मचारी चयन मंडल का काम भर्ती परीक्षा को आयोजित कर रिजल्ट (MP ESB Result) जारी करना है। साथ ही पदों के अनुसार मैरिट और वेटिंग लिस्ट देना है।

परीक्षा और पोस्टिंग से संबंधित सभी नियम विभाग ही बनाता है। भर्ती की जिम्मेदारी भी उसी की होती है, लेकिन जब किसी विवाद के कारण मामला किसी कोर्ट में पहुंचता है तो उसमें पार्टी ईएसबी को भी बना दिया जाता है।

   हर परीक्षा को लेकर लगा रहे कैविएट

भर्ती नियम और पोस्टिंग को लेकर कर्मचारी चयन मंडल की कोई जवाबदेही नहीं होने के बाद भी उसे लगातार पार्टी बनाकर नोटिस जारी हो रहे हैं।

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जिसके बाद हर बार ईएसबी (MP ESB Result) का एक ही जवाब होता है कि उसका सीधे तौर पर इन विवाद से (Patwari Bharti Issue को छोड़कर) संबंध नहीं है।

इन सबसे ईएसबी का मैनेजमेंट अब परेशान हो चुका है। यही कारण है कि वह रिजल्ट जारी होने से पहले ही कोर्ट में कैविएट (Caveat) दाखिल कर रहा है।

   क्या होती है कैविएट याचिका

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कैविएट का मतलब किसी व्यक्ति को पहले से ही सावधान करना होता है। कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जहां कोई परिवादी किसी मुकदमे को न्यायालय में लेकर आता है।  उस मुकदमे से संबंधित प्रतिवादी को समन जारी किए जाते हैं।

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कैविएट याचिका (Caveat Petition) एक तरह का बचाव होता है ताकि कोर्ट किसी मामले में एक पक्षीय फैसला ना सुनाए। सिविल प्रोसीजर के कोड 148 (ए) के तहत कैविएट याचिका फाइल की जाती है।

   कैविएट फाइल होने से ये मिलेगा लाभ

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कैविएट फाइल करने का सीधा मतलब ये है कि अब किसी भी मामले में ईएसबी को पार्टी बनाने से पहले उसका पक्ष सुना जाएगा।

यदि संबंधित मामले में सीधे तौर पर ईएसबी (MP ESB Result) का कनेक्शन नहीं है तो वह उस मामले से खुद को बाहर कर लेगा। जिससे उसका समय और पैसा दोनो बचेगा।

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   इन मामलों में दाखिल की कैविएट

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कर्मचारी चयन मंडल (MP ESB Result) ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 और समूह-4, सहायक ग्रेड-3, स्टेनोटाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर एवं अन्य पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा-2023 सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर कैविएट लगाई है।

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   OBC की पेंच भी फंसा है

ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर भी विवाद है। प्रदेश में करीब 41 परीक्षाओं का रिजल्ट 13% पदों को होल्ड कर जारी कर दिए।

हाई कोर्ट पहले ही ये कह चुका है कि 87% पदों पर भर्ती करने का उसने कोई फार्मूला नहीं दिया।

इधर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के आधार पर कर्मचारी चयन मंडल 13% पदों को होल्ड कर शुद्धिपत्र लाकर रिजल्ट जारी कर रही है। मामले की होई कोर्ट में अब अगली सुनवाई 12 मार्च को है।

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