MP Employee Transfer Policy: मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के तबादलों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि अभी तक तबादला नीति सामने नहीं आई है। कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए सिर्फ सितंबर का (एक ही महीना) ही शेष बचा हुआ है। अक्टूबर महीने से प्रतिबंध लगने के बाद अफसर और कर्मचारियों के ट्रांसफर नहीं होंगे। 29 अक्टूबर को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होगा। इसके बाद मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा। पुनरीक्षण कार्य में लगे करमचारियों का ट्रांसफर नहीं होगा।
सिर्फ सितंबर का महीना बचा शेष
आपको बता दें कि एमपी के कर्मचारियों के तबादले के लिए सिर्फ सितंबर का महीना ही शेष बचा हुआ है। अक्टूबर से तबादलों पर प्रतिबंध लग जाएगा।
कैबिनेट जुड़ी थी उम्मीदें
बीते दिनों मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक ले ऐसी उम्मीदें थी कि तबादला नीति से प्रतिबंध हट जाएगा, लेकिन सरकार इस फैसले पर निर्णय नहीं ले पाई है। इसके पीछे जो वजह सामने आ रही है, वो ये है कि मुख्यमंत्री खुद नहीं चाहते कि बहुत ज्यादा मात्रा में तबादले हों।
अभी तक सामने नहीं आई MP की तबादला नीति: ट्रांसफर के लिए सिर्फ सितंबर महीना शेष, अक्टूबर से फिर लग जाएगा प्रतिबंध
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तबादलों के लिए समय 15 से 20 दिन
कुल मिलाकर तबादलों का जो मौका मिलेगा वो 15 से 20 दिनों का ही रहेगा। मध्य प्रदेश में जितने भी तबादले होना है, वे सितंबर महीने में ही होंगे। इसके बाद अक्टूबर महीने भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनः निरीक्षण सूची के लिए प्रोग्राम घोषित कर दिया है, जिसकी 29 अगस्त से इसकी शुरूआत हो जाएगी।
अक्टूबर में नहीं सकेंगे तबादले
दरअसल, जनवरी 2025 में पुनः निरीक्षण का काम पूरा हो जाना चाहिए। जो नई मतदाता सूची सामने आ जाएगी। इसके बीच में दावे, आपत्ति नवंबर में दिखाई देंगे। ये जो तबादलों का काम है, ये भारत निर्वाचन आयोग का है।
आपको बता दें कि ट्रांसफर करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होगी। यही वजह है कि अक्टूबर में ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे। इसीलिए एमपी सरकार ये चाह रही है कि उससे पहले जो भी तबादले हैं, वो कर दिए जाएं। लेकिन, तबादले क्यों नहीं हो पा रहे हैं, इसकी वजह साफ-साफ नजर आ रही है कि बहुत कम मात्रा में तबादले होने हैं।
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