भोपाल। MP Elections 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस रखी है। इन चुनावों में प्रदेश की चंद सीटें गेमचेंजर साबित हो सकती हैं। इन सीटों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के गणित बिगाड़ दिए थे। 2018 के चुनाव में करीब सात सीटों पर कम वोट के अंतर से हार बीजेपी को भारी पड़ गई थी।
एमपी की गेमचेंजर सीटें
इन गेमचेंजर सीटों में ग्वालियर दक्षिण, सुवासरा, जबलपुर उत्तर, राजनगर, दमोह, ब्यावरा, राजपुर सीट शमिल हैं। इनपर बीजेपी 1 हजार से कम वोट से हार गई थी। वहीं सुवासरा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी से हरदीप सिंह डंग भारी वोटों से जीते, लेकिन पहले ये सीट चंद वोटों से बीजेपी ने खो दी थी।
तीन सीटों पर इस तरह हार
अब हर कम अंतर वाली इन सीटों पर बीजेपी का फोकस है। 2018 में कांग्रेस ने 114 सीट जीतीं, जबकि सत्ता के लिए 116 सीटें चाहिए थीं। कांग्रेस को महज दो सीट ही चाहिए थीं, जबकि कांग्रेस तीन सीट 1 हजार से कम वोट से हार गई थी। इसमें जावरा, बीना और कोलारस सीट थी।
सपा-निर्दलीयों की जरूरत न पड़ती
अगर ये सीटें कांग्रेस के पास होतीं तो 2018 में सत्ता के लिए बसपा, सपा और निर्दलीयों की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं 5 हजार से कम जीत और हार की करीब दो दर्जन सीटें कांग्रेस के पास थीं। इसलिए ऐसी सीटों पर ज्यादा फोकस इस चुनाव में दिया जा रहा है।
सीटों के समीकरण भी बदले
हालांकि कम जीत और हार वाली सीटों के समीकरणों को भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सत्ता परिवर्तन ने बदल दिए हैं। लेकिन बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है, जिसके चलते ग्वालियर दक्षिण, सुवासरा, जबलपुर उत्तर, राजनगर, दमोह, ब्यावरा, राजपुर, जावरा, बीना और कोलारस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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