बरगी। MP Election 2023: जबलपुर की बरगी विधानसभा सीट अहम सीटों में शुमार है। जिसका अपना सियासी मिजाज है, तो अपने सियासी समीकरण हैं। यहां के सियासी इतिहास की बात करें तो 1998 से लेकर 2013 तक बरगी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा रहा है।
2003 के पहले यह सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व थी। यहां बीजेपी के विधायक फूल सिंह उइके और अनूप सिंह मरावी दो बार चुनाव जीत चुके हैं। उसके बाद यह विधानसभा सीट सामान्य हो गई।जिसके बाद बेलखेड़ा की प्रतिभा सिंह चुनाव मैदान में उतरीं और लगातार 2008 से 2018 तक विधायक रहीं।
2018 में बदली बरगी की सियासी तस्वीर
2008 और 2013 में बीजेपी के टिकट से चुनाव जीता। लेकिन 2018 में बरगी विधानसभा की सियासी तस्वीर बदली और कांग्रेस के संजय यादव ने प्रतिभा सिंह को हराकर कांग्रेस का परचम लहरा दिया।
बरगी विधानसभा का 90 प्रतिशत इलाका ग्रामीण है।10 प्रतिशत क्षेत्र शहरी इलाके से भी जुड़ा हुआ है।बरगी विधानसभा को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है।जिसमें नर्मदा किनारे शाहपुरा बेलखेड़ा भेड़ाघाट और जबलपुर से लगा हुआ।
बरगी में आदिवासी सबसे बड़ा वोट बैंक
कुछ इलाका ग्रामीण होने के बाद भी यहां सभी सुविधाएं हैं। यहां अच्छी खेती भी होती है। साथ ही यहां के लोगों के पास पर्याप्त रोजगार है और खेती के अत्याधुनिक संसाधन भी उपलब्ध हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस विधानसभा में आदिवासी वोट बैंक की चाबी जिसके हाथ लगती है वह यहां से जीत जाता है।
गांव-गांव तक पहुंची मेट्रो बस सेवा
आज बरगी देश का एक ऐसा ग्रामीण इलाका बन गया है।जहां पर गांव-गांव तक मेट्रो बस सेवा हो गई है। मेट्रो बस सेवा के पहुंचने से वहां के बच्चों को अब हाई स्कूल और कॉलेज आने जाने में सुविधा हो गई है।
बीते 5 सालों में विधायक संजय यादव ने यहां के कई इलाकों को तहसील कार्यालय और एसडीएम कार्यालय से भी जोड़ा है। पांच सालों में यहां पीने के शुद्ध पानी को लेकर भी विधायक संजय यादव ने अथक प्रयास किए और कुछ हद तक सफलता भी पाई है।
बरगी में ऐसे हुआ आर्थिक बदलाव
नर्मदा और हिरन नदी से घिरे होने के चलते यहां जमीनों की खरीद फरोख्त भी अच्छी खासी होती है।बरगी विधानसभा क्षेत्र जबलपुर शहर से लगा हुआ है। इसलिए यहां शहर के इन्वेस्टर जमीन में इन्वेस्ट करते हैं।
बीते 5 सालों में इस पूरे इलाके का आर्थिक बदलाव जमीनों की बिक्री की वजह से हुआ है। शहर के लोगों ने इस पहाड़ी इलाके में जमीन खरीदना भी शुरू कर दिया।
बरगी में ये हैं सबसे बड़ी समस्याएं
स्थानीय लोगों की मानें तो यहां दो सबसे बड़ी समस्या भी हैं। पहला नर्मदा और हिरन नदी से अवैध रूप से रेत का उत्खनन होना। जिससे की यहां की सड़कें बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं। खराब सड़कों के कारण आए दिन यहां हादसे भी होते हैं। लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं।
दूसरी सबसे बड़ी समस्या अवैध रूप से शराब की तस्करी होना। जिससे यहां के युवा नशे की लत में जकड़ते जा रहे हैं।वहीं शराब के कारण घरों में विवाद की भी स्थिति उत्पन्न होती हैं। जिससे महिलाएं काफी परेशान हैं।
बरगी में ये हैं 2023 के दावेदार
खैर इस बार भी चुनाव संजय यादव और प्रतिभा सिंह के बीच में ही माना जा रहा है। कांग्रेस से संजय यादव दोबारा तैय़ारी में हैं और उन्हें टिकट मिलने का पूरा भरोसा भी है।
वहीं बीजेपी इस बार प्रतिभा सिंह की जगह उनके बेटे नीरज सिंह को मैदान में उतारा है। कहना गलत नहीं होगा कि मुकाबला एक बार फिर दिलचस्प होगा। कामयाबी किसे मिलेगी इसके लिए जनप्रतिनिधि इंतजार कर रहे हैं।
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