इंदौर। MP Election 2023: इंदौर-4 विधानसभा सीट बीजेपी का मजबूत किला मानी जाती है। इस सीट पर सिंधी वोटर्स का दबदबा है। 1990 से लेकर अब तक यहां बीजेपी का कब्जा रहा है।
मौजूदा विधायक मालिनी गौड़ एक बार फिर से मैदान में हैं। वहीं बीजेपी के इस मजबूत किले को भेदने के लिए कांग्रेस ने इस बार 1980 का इतिहास दोहराने की रणनीति बनाई और राजा मंधवानी को मैदान में उतारा है।
क्या कांग्रेस कर पाएगी सेंधमारी?
80 के दशक में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार नंदलाल माटा ने चुनाव जीता था। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार राजा मांधवानी इस सीट में सेंधमारी करने में कामयाब रहेंगे।
इधर, बीजेपी का कहना है कि इंदौर-4 विधानसभा सीट बीजेपी का अभेद किला है। जिसे भेदना कांग्रेस की बस की बात नहीं। वहीं सिंधी समाज को लेकर भी बीजेपी के अपने दावे हैं।
इंदौर-4 है एक बड़ा व्यापारिक क्षेत्र
बीजेपी का गढ़ बन चुकी विधानसभा 4 में इंदौर का बड़ा व्यापारिक क्षेत्र भी आता है। ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में सिंधी वोटर्स को साधने में कौन सी पार्टी कामयाब होगी और सिंधी वोटर्स का किसकी ओर झुकाव होता ये तो आनो वाला समय ही बता पएगा।
विधानसभा चुनाव 2018 का परिणाम
अगर पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की बात की जाए, तो यहां से इंदौर-4 विधानसभा सीट से बीजेपी से मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर ने चुनाव जीता था। उन्हें कुल 102,673 वोट मिले थे।
साथ ही उन्होने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सुजीत सिंह चड्डा को हराया था। जिसे कुल 59,583 वोट मिले थे। वहीं हार-जीत में कुल 43,090 वोटरों अंतर रहा था।
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