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MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने हाई स्कूल में कितने टीचर्स को किया भर्ती, हाईकोर्ट ने मांगा रिकॉर्ड

MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने हाई स्कूल में 45 से 50 प्रतिशत वाले कितने टीचर्स को भर्ती किया है। हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा।

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Rahul Garhwal
MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने हाई स्कूल में कितने टीचर्स को किया भर्ती, हाईकोर्ट ने मांगा रिकॉर्ड

हाइलाइट्स

  • MP हाईकोर्ट ने मांगा हाई स्कूल शिक्षक भर्ती का रिकॉर्ड
  • 45 से 50 प्रतिशत नंबरों वाले टीचर्स की भर्ती
  • शिक्षा विभाग को 4 हफ्ते में देना होगा जवाब
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MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से हाई स्कूल शिक्षक भर्ती (MP Shikshak Bharti) का रिकॉर्ड मांगा है। 4 हफ्ते के अंदर शिक्षा विभाग को ये बताना होगा कि उसने पोस्ट ग्रेजुएशन में 45 से 50 प्रतिशत नंबर वाले कितने कैंडिडेट्स को नियुक्ति दी है।

शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी

हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल वेलफेयर विभाग ने हाई स्कूल टीचर के हजारों पदों पर ऐसे कैंडिडेट्स को नियुक्ति दी है, जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में संबंधित विषयों में 55 प्रतिशत नंबर भी हासिल नहीं किए हैं। याचिका दायर करने वाले कैंडिडेट्स ने कहा है कि शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। मध्यप्रदेश शासन का नियम NCTE के नियमों से मेल नहीं खाता है।

NCTE और मध्यप्रदेश शासन का नियम

हाईस्कूल टीचर की पात्रता से संबंधित NCTE का नियम है कि पोस्ट ग्रेजुएशन में 55 प्रतिशत नंबर और B.Ed. की डिग्री। वहीं मध्यप्रदेश सरकार का नियम है कि संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन सेकंड डिवीजन और B.Ed. की डिग्री।

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इन कैंडिडेट्स को नहीं दी गई नियुक्ति

याचिका में बताया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने पोस्ट ग्रेजुएशन में 45.3 प्रतिशत, 46.1 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत वाले कैंडिडेट्स को नियुक्तियां दी हैं, क्योंकि उनकी मार्कशीट में सेकंड डिवीजन लिखा है। वहीं ऐसे कैंडिडेट्स जिनके नंबर 45 से 50 प्रतिशत हैं, लेकिन उनकी मार्कशीट में थर्ड डिवीजन लिखा है। इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है।

यूनिवर्सिटी से पड़ा फर्क

कैंडिडेट्स के सेकंड और थर्ड डिवीजन का फर्क प्रदेश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से पड़ा है। कई यूनिवर्सिटी 45 से 50 प्रतिशत वालों को थर्ड डिवीजन मानती हैं। वहीं कई यूनिवर्सिटी 45-50 प्रतिशत वालों को सेकंड डिवीजन मानती हैं। भोज मुक्त यूनिवर्सिटी 35 से 44 प्रतिशत वालों को थर्ड डिवीजन मानती है। वहीं 45 से 50 प्रतिशत वालों को सेकंड डिवीजन मानती है।

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हाईकोर्ट ने दिया आदेश

शिक्षक भर्ती (MP Shikshak Bharti) को लेकर कैंडिडेट्स की याचिका में उठाए मुद्दों को कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति और न्यायमूर्ति विनय सराफ की बेंच ने गंभीरता से लिया। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करके स्कूल शिक्षा एवं ट्राइबल विभाग को निर्देश दिए हैं कि हाई स्कूल शिक्षक भर्ती का रिकॉर्ड हाईकोर्ट में दाखित करें। स्कूल शिक्षा एवं ट्राइबल विभाग ये बताएं कि 45 से 50 प्रतिशत वाले ऐसे कितने कैंडिडेट्स हैं जिन्हें नियुक्ति दी गई है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।

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