भोपाल। MP Doctor’s Strike: पूरे प्रदेश में केंद्र के समान पदोन्नति समेत करीब 11 मांगों को लेकर आज से प्रदेश के 13 सरकारी अस्पतालों के करीब 10 हजार डॉक्टर्स आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से मंगलवार को देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री के अनुसार 95 प्रतिशत मांगे मान ली गई हैं। पर डॉक्टर्स का कहना है जब पूरी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। बैठकों के दौर में आचार संहिता लग जाएगी और उन्हें एक बार फिर वापसी का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
क्या कहना है मंत्री का —
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग के मंगलवार को अपने निवास पर चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदू मध्य प्रदेश की सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित करने वाली सरकार है। सरकार ने डॉक्टरों की लगभग सभी मांगें मान ली हैं। मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों को चाहिए कि वे हड़ताल पर न जाएं पहले की तरह मरीजों का समुचित उपचार करते रहें। जब भी डॉक्टरों ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, हमने उस पर पूरी तरह सहमति व्यक्त की। हमने कमेटी बनाई और उसमें डॉक्टरों की मांगों को लेकर विचार विमर्श किया। सरकार हर वर्ग के कल्याण और उसे लाभ दिलाने के लिए काम करती है। डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से हमारी लगातार बातचीत जारी है। 95% मांगों पर सहमति हो गई है। डॉक्टर मरीजों के हित में काम करते हैं और उनके हित में अपनी सेवाएं देते रहें।
भोपाल में मरीजों के लिए ये हो सकते हैं विकल्प
आपको बता दें बीते दो दिनों से शुरू हुआ ये आंदोलन आज पूरी तरह अनिश्चित कालीन हड़ताल में बदल रहा है। जिसमें राजधानी में गांधी मेडिकल कॉलेज, हमीदिया हॉस्पिटल, जेपी हॉस्पिटल, काटजू हॉस्पिटल, सिविल हॉस्पिटल बैरागढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिसरोद के डॉक्टर्स भी हड़ताल पर रहेंगे। पर ऐसे में गंभीर बीमार मरीजों के लिए परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में उनके पास कुछ विकल्प हैं जहां जाकर वे इलाज करा सकते हैं।
इन अस्पतालों में मिलेगा इलाज —
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स)
- भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
- रेलवे हॉस्पिटल
- कस्तूरबा हॉस्पिटल, भेल
- निजी हॉस्पिटल