MP Dam’s water Label: एमपी के सभी डैमों की जियो टैगिंग का लक्ष्य सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश के सभी डैमों में जल संसाधन विभाग टैगिंग करेगा. इस समय प्रदेश के 240 डैमों में से 163 की ऑनलाइन जियो टैगिंग हो गई है. शेष 77 Dam’s की जियो टैगिंग होनी है. इस काम को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने सभी मैदानी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिए हैं. जियो टैंगिंग के बाद मानसून में डैम के वॉटर लेवल और Dam की कंडिशन को लेकर ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी.
सीसीटीवी से होगी ऑनलाइन मानिटरिंग
जियो टैगिंग के बाद एमपी के सभी डैमों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी. जियो टैंगिंग के बाद इन्हें मंत्रालय में बने सिचुएशन सेंटर से जोड़ा जाएगा. इसके लिए जलाशयों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. जिससे इन बांधों (Dam’s) में किसी दरार या फिर जलस्तर का पता लगाने का काम ऑनलाइन आसानी से किया जा सकेगा. नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी शहर के जल संरचनाओं की मोबाइल एप से जियो टैगिंग करवा रहा है. जल संरचनाओं के किनारों को अतिक्रमण से बचाने और नदी-तालाबों के कटाव को रोकने के लिए हरित क्षेत्र पार्क का विकास जैसे कार्य किए जाएंगे.
MP के Dam’s का Water Label
सीहोर जिले का कोलार डैम की कुल क्षमता 462.2 मीटर है जिसमें से 450.41 मी. डैम भरा हुआ है और 11.79 मीटर खाली है. शहडोल का बाणसागर डैम जिसकी कुल क्षमता 341.64 मी. है. अभी 332.14 भरा हुआ है और 9.50 मीटर खाली है. गांधीसागर डैम, मंदसौर 399.9 कुल क्षमता, 394.32 भरा हुआ है. 5.58 मीटर खाली है. इंदिरा सागर डैम, खंडवा 262.13 कुल क्षमता, 248.06 मीटर भरा हुआ और 14.07 मीटर खाली, ओंकारेश्वर डैम, खंडवा 196.6 कुल क्षमता, 195.17 भरा हुआ और 1.43 मीटर खाली, मोहनपुरा डैम, राजगढ़, संजयसागर / हलाली डैम (Halali Dam), विदिशा जिसकी कुल क्षमता 448.2 है वहीं 440.6 डैम भरा और 7.60 मीटर खाली है. कलियासोत डैम, भोपाल की कुल क्षमता 505.67 मीटर है. जिसमें से 502.1 भरा और 3.57 मीटर खाली है. बरगी डैम, जबलपुर कुल क्षमता 422.76, जिसमें से भरा हुआ 407.85 और 14.91 मीटर खाली है. तवा डैम, नर्मदापुरम की कुल क्षमता 355.4 मीटर है. जिसमें से 341.35 भरा हुआ और 14.05 मीटर खाली है.
क्या होती है जियो टैगिंग
जियो टैगिंग का मतलब किसी भी स्थान की भौगोलिक स्थिति, फोटो, मैप और वीडियो के जरिए सटीक जानकारी देना है. इससे अक्षांश व देशांतर से उस जगह की लोकेशन की भी सटीक जानकारी मिलती है. इससे गूगल मैप देखकर जगह का आसानी से पता किया जाता है. इसके अतिरिक्त अन्य चीजें भी इससे जोड़ी जा सकती हैं.
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