भोपाल। जल्दी अमीर बनने की ललक और कुख्यात ठग के नक्शे कदम पर चलकर ठगी करने वाले दो बदमाशों ने मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय के टेलीफोन नंबरों का उपयोग कर ठगी करना शुरू कर दी थी। इसके लिए पहले दोनों ठगो ने प्रशिक्षण लिया। इसके बाद चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों के सर्वरों का इस्तेमाल कर ये ठग लोगों से फर्जी नंबरों से ठगी करते थे। दोनों बदमाश सीएम कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय का हवाला देकर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करते थे। इसकी सूचना जब पुलिस को मिली तो साइबर सेल की मदद से सीहोर निवासी दोनों ठग बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। भोपाल पुलिस इन ठगों से पूछताछ कर रही है।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के 2 अति महत्वाकाक्षी उच्च शिक्षित बदमाश मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कार्यालय के टेलीफोन नंबरों का अत्याधुनिक तकनीकी से उपयोग करते थे। इन नंबरों का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करते थे और प्रतिष्ठित लोगों को ठगी का शिकार बनात थे। भोपाल पुलिस की सक्रियता से साइबर क्राइम में संलिप्त सीहोर निवासी 38 वर्षीय एलम सिंह पिता गेंदालाल परमार और 31 वर्षीय देवनारायण पिता परशराम रघुवंशी को धरदबोचा है। ये आरोपी कुख्यात ठग सुकेश चंद्रशेखर के नक्शे कदम पर चलते हुए ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। एक नई घटना को अंजाम देने ये दोनों बदमाश एलबीएस अस्पताल के संचालक से एक करोड़ 10 लाख रुपए की ठगी की कार्ययोजना बनाते हुए धरे गए।
अपनी धौंस जमाने के लिए करते थे नंबरों का इस्तेमाल
पुलिस आयुक्त भोपाल मकरंद देउस्कर से मिली जानकारी के अनुसार दोनों शातिर अपराधी प्रतिष्ठित नंबरों का उपयोग अपने शिकार पर धौंस जमाने के लिए कर रहे थे। इसकी जानकारी लगने पर साइबर व क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की चार टीमों का गठन किया गया। पुलिस उपायुक्त अमित कुमार व अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान के निर्देशन में गठित टीम ने दोनों ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह करोड़पति बनने की चाह में शार्टकट अपनाते हुए ठगी का रास्ता चुना। दोनों बदमाश मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय के नंबरों का फर्जी तरीके से उपयोग कर प्रतिष्ठित लोगों में धौंस जमाकर उनसे लाखो, करोड़ो रुपए की ठगी करते थे।
चीन, ब्रिटेन और अमेरिका के सर्वर करते थे इस्तेमाल
आरोपी एलम सिंह और देवनारायण उच्च शिक्षित हैं। अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और केम्ब्रिज कॉन्वेंट स्कूल के संचालक एलम सिंह और बॉयो टेक्नालॉजी से बीएससी करने वाले हार्डवेयर व्यवसायी देवनारायण ने शार्टकट का रास्ता अपनाया। वह प्रतिष्ठित लोगों को चुनकर ठगी करते थे। आरोपी फर्जी कॉल करने के लिए चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों के सर्वरों का इस्तेमाल करते थे। इतना ही नहीं दोनों ने फर्जी तरीके से कॉलिंग करने के लिए चाणक्यपुरी कंचन मार्केट भोपाल नाके पर कमरा भी किराए पर लेकर फर्जी कॉल करने का प्रशिक्षण भी लिया।