MP Corruption Complaint Box: मध्यप्रदेश सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए अब शिकायतों को इकट्ठा करके उन पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। दफ्तरों में करप्शन शिकायत पेटी लगाई जाएगी। अफसर रोज सुबह साढ़े 11 बजे पेटी खोलकर जांच कराएंगे। शिकायतें पोर्टल पर भी अपलोड होंगी।
लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई
सामान्य प्रशासन विभाग ने 14 साल पहले के आदेश का पालन न होने पर लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि जो शिकायत पेटी रखी जाएगी, उसे हर दिन सुबह 11:30 बजे खोला जाएगा और उसकी जांच की जाएगी।
सरकार के आदेश में कहा गया है कि भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इनका पालन न होने से शिकायतें बढ़ रही हैं। सरकार को पता चला है कि कुछ विभागों में शिकायत पेटी नहीं रखी गई है और महत्वपूर्ण निर्देशों की अनदेखी की जा रही है।
सभी विभागों में रखी जाएगी शिकायत पेटी
सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि हर सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों के लिए शिकायत पेटी लगाई जाए। इन शिकायतों की जांच संबंधित एजेंसी द्वारा की जाएगी, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके लिए सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को जिला और विकासखंड स्तर पर शिकायत पेटी लगाने का आदेश दिया गया है।
रोज सुबह 11:30 बजे खुलेगी शिकायत पेटी
राज्य सरकार ने 16 दिसम्बर 2011 को इस विषय में निर्देश जारी किए थे। 29 नवम्बर 2024 को जारी आदेश में राज्य सरकार ने इन निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा है कि हर कार्यालय के बाहर एक सुरक्षित और स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली जगह पर शिकायत पेटी स्थापित की जाएगी।
यदि आवश्यक हो, तो अधिकारी एक से अधिक पेटी भी लगा सकते हैं। शिकायत पेटी में ताला लगाना अनिवार्य है और इसमें भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें डालनी होंगी। यह शिकायत पेटी हर दिन अधिकृत अधिकारी द्वारा सुबह 11:30 बजे खोली जाएगी और संबंधित विभाग या कार्यालय को कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। प्राप्त शिकायतों का पंजीकरण करना आवश्यक होगा।
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हर हफ्ते रिपोर्ट देंगे अधिकारी
GAD के आदेश में कहा गया है कि जो भी शिकायतें आएंगी, उनकी साप्ताहिक रिपोर्ट संबंधित अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देंगे। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी इस पर कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, इसकी जानकारी विभाग या कार्यालय की वेबसाइट पर भी डाली जाएगी। यदि अन्य विभागों से शिकायतें मिलती हैं, तो उन्हें संबंधित विभाग को भेजा जाएगा।
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