image source : janprachar.com
भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के जारी होने के बाद विद्यार्थियों और निजी कॉलेजों ने भी विरोध शुरू कर दिया है। आदेश को लेका निजी कॉलेज प्राचार्य संघ के अध्यक्ष डॉ. राजीव झालानी और सचिव डॉ. सचिन शर्मा का कहना है कि नया नियम विद्यार्थियों के हित में नहीं है। पहले फीस सुविधानुसार भरवाई जाती थी। पिछले साल तक विद्यार्थियों से महज 25 प्रतिशत फीस लेते थे अब नए आदेश में 50 प्रतिशत का नियम कर दिया गया है जो कि गलत है।
ये कहा गया आदेश मेें
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया कि 50 प्रतिशत फीस जमा करने के बाद ही विद्यार्थियों का प्रवेश मान्य होगा। आदेश में यह भी कहा गया कि अलॉटमेंट के बाद विद्यार्थी ऑनलाइन फीस भर सकते हैं मगर 50 प्रतिशत राशि जमा करना अनिवार्य है। साथ ही कक्षाएं लगाने के बाद विद्यार्थियों को मूल दस्तावेज कॉलेज में जमा करने होंगे।
बची हुई फीस वसूलने के लिए कॉलेजों पर छोड़ा
50 प्रतिशत राशि जमा करने के बाद बची हुई फीस वसूलने के लिए कॉलेजों पर फैसला छोड़ दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के बाद अब अभिभावकों को नई चिंता सातने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना काल में वैसे ही कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था अब इस नए आदेश के बाद 50 प्रतिशत फीस कहां से जमा कर पाएंगे। अभिभावकों का कहना है कि पहले फीस भरने के लिए तीन से चार किस्त की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब इस नए नियम के आने से फीस जमा करने में परेशानी होगी
दस्तावेज देने पर नियमित होगा प्रवेश
नए नियम के मुताबिक फीस भरने के बाद कॉलेज शुरू करने की गाइडलाइन जारी होगी। कक्षाएं लगाने के बाद विद्यार्थियों को कॉलेज में टीसी, माइग्रेशन, जाति प्रमाण पत्र और अंकसूची समेत अन्य दस्तावेज देने होंगे। इसके लिए भी विभाग एक निश्चित तारीख तय करेगा। दस्तावेज देने के बाद ही विद्यार्थियों का प्रवेश नियमित माना जाएगा।