भोपाल। त्रिपुरा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए मिली जीत पर मध्य प्रदेश के सीएम ने भाजपा के कार्यकर्ताओं और जनता को बधाई दी। सीएम ने कहा कि “मैं त्रिपुरा चुनाव में भाजपा नेताओं को अभूतपूर्व जीत का आशीर्वाद देने के लिए नागरिकों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह पीएम मोदी, जेपी नड्डा, डॉ माणिक साहा के मार्गदर्शन और पार्टी कार्यकर्ताओं की सेवा भावना का परिणाम है।
मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा कि नागालैंड विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पीएम मोदी, नेफ्यू रियो और नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के सहयोगियों को बधाई। नगालैंड की जनता के भरोसे से प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
सीएम ने कहा कि मैं मेघालय विधानसभा चुनाव में कड़ी मेहनत करने वाले भाजपा मेघालय के कार्यकर्ताओं और भाजपा को वोट देने वाले नागरिकों का आभार व्यक्त करता हूं। भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मेघालय के विकास के लिए संकल्पित है।
Bhopal,MP| I express my heartfelt gratitude to citizens for blessing BJP leaders with an unprecedented victory in the Tripura elections. This is the result of the guidance of PM Modi, JP Nadda, Dr Manik Saha and the service spirit of the party workers: MP CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/kr5wxJnQq5
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 2, 2023
बता दें कि त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। पूर्ववर्ती राजघराने के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा द्वारा गठित टिपरा मोठा पार्टी को 13 सीट मिलीं, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 14 सीट हासिल कीं। देबबर्मा की पार्टी ने जनजातीय क्षेत्र में वाम दल के वोट में सेंध लगाई।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का बेहद खराब प्रदर्शन रहा। टीएमसी ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली। टीएमसी का वोट प्रतिशत (0.88 प्रतिशत) नोटा से भी कम रहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा(आईपीएफटी) गठबंधन लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटा है, लेकिन दोनों दलों ने 2018 के चुनाव से कम सीट पर जीत हासिल की।
मुख्य रूप से जनजातीय इलाकों में टिपरा मोठा के अच्छे प्रदर्शन से दोनों दलों की सीट की संख्या कम हुई। भाजपा ने 55 सीट पर चुनाव लड़ा और 32 पर जीत हासिल की। वर्ष 2018 की तुलना में भाजपा को तीन सीट कम मिली। पार्टी का वोट प्रतिशत 38.97 रहा। गुटबाजी से प्रभावित आईपीएफटी केवल एक सीट जीत सकी जबकि पिछले चुनाव में पार्टी को आठ सीट मिली थी।