MP Transfer Policy Update: मध्य प्रदेश में सरकार नई ट्रांसफर पॉलिसी अगली कैबिनेट में पेश करेगी। भोपाल में मंगलवार 22 अप्रैल को हुई कैबिनेट में ट्रांसफर पॉलिसी पर चर्चा में यह राय बनी कि नई ट्रांसफर पॉलिसी 1 मई से लागू होगी। यह प्रदेश में 31 मई तक प्रभावी रहेगी।
इसका मतलब यह है कि प्रदेश में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले एक मई से 31 मई के बीच किए जाएंगे। 31 मई के बाद से प्रदेश में तबादलों पर पाबंदी लग जाएगी और सिर्फ जरूरी तबादले ही सरकार की विधिवत मंजूरी से किए जा सकेंगे। आपको बता दें मंगलवार को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।
CM ने “ट्रांसफर पॉलिसी” को लेकर क्या कहा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अगली कैबिनेट तक हम “ट्रांसफर पॉलिसी” पर भी कार्य कर रहे हैं…
मुझे संतोष है कि हमारी सरकार ने भर्ती अभियान चलाया है, जिसके माध्यम से हमारे अधिकांश युवाओं को रोजगार मिल सके। आगामी 27 तारीख को इंदौर में “IT Industry Conclave 2025” भी होने जा रहा है।
आइये, हम सब मध्य प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाने का संकल्प करें।
नई ट्रांसफर पॉलिसी से किसे होगा फायदा
यह नई नीति खासतौर पर उन सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगी, जो दो साल से ज्यादा समय से ट्रांसफर बैन के चलते एक ही जगह अटके हुए थे। अब वे स्वेच्छा से ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे और विशेष परिस्थितियों में मनचाही जगह पोस्टिंग भी मिल सकती है।
शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की जाएगी, जिससे व्यवस्था पारदर्शी होगी और कर्मचारियों को आसानी मिलेगी।
शैक्षणिक सत्र के बीच तबादले न हों, जताई थी इच्छा
आपको बता दें इस पॉलिसी को लेकर माना जा रहा है कि सीएम की इच्छा थी कि शैक्षणिक सत्र खत्म होने के बाद तबादले हों। सूत्रों के अनुसार बीते साल CM ने ये मंशा जातई थी कि शैक्षणिक सत्र के बीच में तबादले न हों।
क्योंकि शिक्षण सत्र के बीच किसी शिक्षक का तबादला होता है, तो स्कूली छात्रों का कोर्स प्रभावित होता है साथ ही शिक्षक को नई संस्था में जाने के बाद रूटीन में आने में भी टाइम लगता है।
बच्चों को स्कूल शिफ्ट करने में होती है परेशानी
तबादला पॉलिसी को लेकर यह भी कहा जा रहा था, कि दूसरे विभागों के कर्मचारियों के यदि बीच में तबादले होते हैं, तो उनके बच्चों को बीच सत्र में स्कूल शिफ्ट करने में काफी परेशानी होती है। ऐसे में बच्चों के चक्कर में कर्मचारी और परिवार सत्र खत्म होने तक परिवार से दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि सीएम की मंशा थी कि तबादले शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद ही हों। हालांकि अब कैबिनेट में क्लीयर हो गया है कि नई तबादला पॉलिसी (MP Transfer Policy Update in Hindi) मई में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में आएगी।
मंत्रियों को होगा ट्रांसफर का अधिकार
आपको बता दें नई तबादला नीति आने के बाद मंत्रियों को अपने विभाग के कर्मचारियों के तबादले को लेकर अधिकार मिल जाएगा। हालांकि इसके विपरीत राजपत्रित अधिकारियों का तबादला, मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही होगा।
जिलों के अंदर ट्रांसफर करने का अधिकार उस जिले के प्रभारी मंत्री को होगा।
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