MP Govt Employees Health Insurance Scheme: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार अपने कर्मचारी-अधिकारियों और पेंशनर्स के इलाज के लिए कैशलेस व्यवस्था लागू करने वाली है। सीएम केयर के नाम से इस योजना को सीएम मोहन यादव ने मंजूरी दे दी है। रविवार को मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री मोहन यादव के अभिनंदन के दौरान स्वास्थ्य बीमा योजना को हरी झंडी दी गई। इसका लाभ प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा।
इसमें सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को 20 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज मिलेगा, जबकि पेंशनर्स 5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे।
जल्द मिलेगी कैबिनेट से मंजूरी
वित्त और स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने मिलकर योजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। मुख्यमंत्री के साथ प्रस्ताव पर आखिरी बातचीत के बाद इसे जल्दी ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी। इससे कर्मचारियों और अधिकारियों की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी। वर्तमान में मप्र सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्चा) नियम 2022 के तहत इलाज किया जा रहा है। पहले योजना में पेंशनर्स शामिल नहीं थे, लेकिन अब उन्हें भी इसमें जोड़ा जाएगा।
अभी ये व्यवस्था…
कर्मचारी अभी बीमार होने पर इलाज करवाते हैं और जो खर्च हुआ है उसका रिम्बर्समेंट पाने के लिए अपने विभाग में आवेदन करते हैं। इसके लिए पहले डॉक्टर, मेडिकल बोर्ड या डायरेक्टर हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन से मंजूरी लेनी होती है।
भर्ती होने पर यह प्रक्रिया
अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं, तो इलाज की प्रक्रिया कुछ इस तरह है: अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने पर 5 लाख तक के क्लेम की मंजूरी संभागीय स्तर के सरकारी अस्पताल के डीन की अध्यक्षता वाली कमेटी देती है। अगर क्लेम 5 लाख से ज्यादा और 20 लाख तक है, तो संचालक स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता वाली कमेटी रिम्बर्समेंट को मंजूरी देती है।
भर्ती न होने पर यह प्रोसेस
अगर भर्ती नहीं हुए तो ये है तरीका: सरकारी कर्मचारी या उनके परिवार वाले बाहरी मरीज के तौर पर इलाज करवा सकते हैं। मतलब, अस्पताल में दिखा कर वापस आ गए तो एक साल में ज्यादा से ज्यादा 20 हजार रुपए का रिफंड मिलेगा। अगर लगातार इलाज चल रहा है तो 3 महीने में 8000 रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसके लिए जिला मेडिकल बोर्ड की मंजूरी जरूरी है।
मौजूदा व्यवस्था में व्यवस्था में ये परेशानी
वर्तमान में रिम्बर्समेंट प्रक्रिया में काफी समय लगता है। गृह विभाग से जुड़े एक मामले में दो साल पहले इलाज करने वाले कर्मचारी को अभी पैसा नहीं मिला है। जानकारी के मुताबिक पीटीएस सागर के एक पुलिसकर्मी ने राज्य के बाहर इलाज करवाया और रिम्बर्समेंट के लिए 21 दिसंबर 2022 में आवेदन दिया। अभी तक पैसा नहीं मिला।
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यह भी एक लोचा…
सूत्र बतात हैं कई बार रिम्बर्समेंट का बजट शहरों में रहने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों पर ही खर्च हो जाता है। फील्ड तक बजट पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता है। फिर जरूतमंद कर्मचारी को उसे अगले साल के बजट तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कर्मचारियों को आर्थिक रूप से परेशानी होती है।
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मध्यप्रदेश राज्य सेवा के 21 अधिकारी बनेंगे IAS-IPS:एसएएस के 16 और एसपीएस के 5 अफसरों को मिलेगा मौका, नामों का पैनल तैयार
MP SAS-SPS Promotion 2025: मध्यप्रदेश के 21 अफसर आईएएस-आईपीएस (IAS-IPS) बनने वाले हैं। इनमें से 16 राज्य प्रशासनिक सेवा के और 5 राज्य पुलिस सेवा के हैं। इनका प्रमोशन होने वाला है और ये अखिल भारतीय सेवा में शामिल होंगे। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जून के दूसरे हफ्ते में यूपीएससी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हो सकती है, जिसमें इन अफसरों को आईएएस-आईपीएस का अवॉर्ड मिलने की उम्मीद है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…