हाइलाइट्स
- सिविल सर्विस डे पर RCVP प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम
- सीएम मोहन यादव ने चाणक्य का दिया उदाहरण
- पांच आधिकारियों को मिला मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
Civil Services Day 2025: हमारे देश में सिविल सर्विसेस का सबसे बड़ा उदारहण 2200 साल पहले मिलता है। जब चाणक्य ने चंत्रगुप्त को ढूंढ कर राजा बनाया था। ये बात सीएम मोहन यादव ने आज सोमवार 21 अप्रैल 2025 को सिविल सर्विस डे पर RCVP प्रशासन अकादमी, भोपाल में कार्यक्रम आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने चाणक्य के माध्यम से सिविल सर्विसेस की वर्किंग और इंर्पोटेंस को समझाया।
आज सोमवार (21 अप्रैल 2025) को सिविल सर्विस डे पर RCVP प्रशासन अकादमी, भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव मौजूद रहे। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वागत उद्बोधन में कहा कि सरदार पटेल ने तीन बातों को मुख्य बताया था डिग्निटी, इंटरग्रिटी, इनकरप्टिविलिटी।
कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव सहित इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ दीपक बागला, मुख्य सचिव दीपक जैन उपस्थित रहे। इस अवसर नवाचार की श्रेणी में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर प्रदेशवासियों को दीं मंगलकामनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस (नेशनल सिविल सर्विस-डे) की शुभकामनाएं दीं हैं। उन्होंने कहा है कि आज का दिन प्रगति, गरीबों के उत्थान और प्रशासनिक व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण से लोक-कल्याण के प्रयासों को समर्पित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा कि लोक-सेवकों के कठिन परिश्रम, लगन और प्रतिबद्धता से देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। उन्होंने सभी लोक-सेवकों से विकसित मध्यप्रदेश की संकल्प यात्रा में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आह्वान किया है।
सीएम के भाषण के मुख्य बिंदू
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारे परमात्मा ने 20 शताब्दी में जो मौका दिया, भविष्य की नींव भरने के लिए दिया। 2200 साल पहले का उदाहरण देते हुए उन्होंने चाणक्य के माध्यम से सिविल सर्विस की भूमिका को समझाया।
जब सिविल सर्विस के लिए एक व्यक्ति ने कितनी मेहनत की। एक राजा बनाने के लिए व्यक्ति को ढूंढ। जहां उन्होंने चाणक्य द्वारा चंद्रगुप्त को ढूंढकर राजा बनाने की बात कही। चाणक्य को उदाहरण देते हुए उन्होंने मंत्री की महत्ता बताते हुए कहा कि राजा तुम बन जाओं पर मंत्री मुझे ही बनाओ।
ये जो हमारे देश के प्रति भावना है काम को काम की तरह करने की बात समझाई। उन्होंने बताया सर्विस के लिए क्या-क्या कैसे कैसे करना चाहिए।

हमारे फ्रेम वर्क में समझाया कि लोक सेवकों का आचार, विचार और व्यवहार कैसा होना चाहिए।
उन्होंने कहा मुझे गर्व है कि पूरे देश में आपने जो काम किया वो अद्भुद है। आपने इस परंपरा को निभाया इसके पर गर्व हैं
पुरस्कार देते हुए उन्होंने कहा आखिर मैं दे क्या रहा है। एक लाख का पुरस्कार देते हुए मुझे नवाचार का उपयोग करके सुशासन में इसका उपयोग करना चाहिए।
सिविल सर्विस का महत्व क्या हैं
एक राजा बनाने के लिए चाणक्य ने चंद्रगुप्त को ढूंढा। चंद्रगुप्त के लिए नंदवंश का साम्राज्य हटाकर सबकुछ किया। चाणक्य अकेले नहीं बने, उन्होंने काम के प्रति राक्षसों को भी फिसलने नहीं दिया।

इन्हें मिला सम्मान
माध्यकमिक शिक्षा माघव प्रसाद पटेल
श्रीमति अतिथि गर्ग
चंद्र मोहन ठाकुर
आलोक पौराणिक
डॉ यशपाल सिंह
संजय जोशी
अमित तोमर
ऋषभ गुप्ता
गणेश शंकर मिश्रा
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