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MP Civil Judge Bharti 2022: जल्द जारी होगा मध्यप्रदेश सिविल जज भर्ती 2022 का रिजल्ट, सुप्रीम कोर्ट ने दी परमिशन

MP Civil Judge Bharti 2022: मध्यप्रदेश सिविल जज भर्ती 2022 की भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने और इंटरव्यू प्रोसेस की परमिशन दे दी है।

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Rahul Garhwal
MP Civil Judge Bharti 2022 result interview Supreme Court Permission hindi news

हाइलाइट्स

  • मध्यप्रदेश सिविल जज भर्ती 2022
  • जल्द जारी होगा सिविल जज भर्ती 2022 का रिजल्ट
  • सुप्रीम कोर्ट ने दी परमिशन
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MP Civil Judge Bharti 2022: मध्यप्रदेश सिविल जज भर्ती 2022 का रिजल्ट जल्द जारी होगा। इसके बाद इंटरव्यू प्रोसेस पूरी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सिविल जज (जूनियर डिवीजन, एंट्री लेवल) 2022 भर्ती के तहत इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी करने और नतीजे घोषित करने की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चांदूरकर की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।

तीन साल की शर्त भविष्य के लिए लागू

हाईकोर्ट की ओर से पेश हुए वकील अश्विनी कुमार दुबे ने तर्क दिया कि दोबारा परीक्षा कराना असंवैधानिक और अव्यावहारिक होगा, जिससे विवाद और बढ़ेंगे। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन साल की शर्त भविष्य के लिए लागू रहेगी। उल्लेखनीय है कि यह भर्ती प्रक्रिया गत 2 वर्ष से अटकी हुई है।

संशोधित नियम लागू करने के लिए याचिका

MP Civil Judge Bharti 2022

मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में 23 जून 2023 को संशोधन करके यह शर्त रखी गई थी कि सिविल जज प्रवेश-स्तर की परीक्षा में केवल वही उम्मीदवार बैठ सकते हैं,  जिनके पास तीन वर्ष की वकालत का अनुभव हो। इसके बाद 2 अभ्यर्थियों ने यह दलील दी कि यदि संशोधित नियम लागू किए जाएं तो वे भी पात्र होंगे। उन्होंने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मांग की कि कट-ऑफ की समीक्षा की जाए।

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77 सफल उम्मीदवार अयोग्य घोषित, भर्ती प्रक्रिया रोकी

याचिका के बाद हाईकोर्ट ने इस संशोधित नियम के आधार पर सफल 77 उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सफल उम्मीदवारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के इस आदेश को स्थगित कर दिया था, जिसमें तीन साल की प्रैक्टिस की अनिवार्य आवश्यकता के बिना सिविल जजों के पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। इससे प्रक्रिया अटक गई थी।

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दोबारा परीक्षा कराना असंवैधानिक

इसी मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने दलील दी कि दोबारा परीक्षा कराना असंवैधानिक, अव्यावहारिक है और इससे मुकदमेबाजी बढ़ जाएगी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से सफल उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेना सही होगा। तीन साल का अनुभव नियम केवल भविष्य में आने वाली भर्ती के लिए लागू रहेगा, न कि वर्तमान मामले के लिए।

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Ladli Behna Yojana: योजना से काटे गए बहनों के नाम जोड़े जाएं, 21 साल की बहनों को भी मिले लाभ, विधायक ने CM को लिखा पत्र

Ladli Behna Yojana Demand: कांग्रेस विधायक महेश परमार ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि जिन बहनों के नाम लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana से काट दिए गए थे, उनके नाम योजना में जोड़े जाएं, साथ ही 21 साल पूर्ण कर चुकी सभी बहनों को योजना से जोड़कर लाभ दिया जाए। इस संबंध में विधायक परमार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) को पत्र लिखा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

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