Relief to Government Employees of MP: मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) ने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है। अब प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी 55 से अधिक निजी अस्पतालों में सीजीएचएस (CGHS) दरों पर इलाज करा सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने इन अस्पतालों को इंपेनलमेंट (Empanelment) की सूची में शामिल कर लिया है।
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इलाज में शामिल होंगी सभी प्रमुख सेवाएं
इन निजी अस्पतालों में सरकारी कर्मचारियों को रजिस्ट्रेशन, एडमिशन, ऑपरेशन, जांच, दवाएं, आईसीयू, डॉक्टर की फीस, फिजियोथेरेपी और नर्सिंग सेवाएं पैकेज में मिलेंगी। अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों से इलाज के दौरान किसी भी तरह की अलग से दवा या उपकरण खरीदने का दबाव न डालें।
मान्यता रद्द होने का भी प्रावधान
अगर कोई अस्पताल तय CGHS दरों से अधिक शुल्क वसूलता है या तय स्वास्थ्य मानकों से नीचे सेवाएं देता है, तो उस अस्पताल की मान्यता बिना किसी पूर्व सूचना के तत्काल रद्द कर दी जाएगी। इससे पारदर्शिता और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।
इलाज के लिए जरूरी होंगे ये दस्तावेज
सरकारी कर्मचारियों को इलाज के समय सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड और कर्मचारी आईडी कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। वहीं, सभी अस्पतालों को रिसेप्शन पर इलाज की सूची और मान्यता की वैधता साफ तौर पर प्रदर्शित करनी होगी, जिससे मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
वार्ड के अनुसार अलग होंगी प्रतिपूर्ति दरें
इलाज की लागत का भुगतान वार्ड के चयन पर निर्भर करेगा:
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सेमी प्राइवेट वार्ड के लिए CGHS दरें मान्य होंगी।
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जनरल वार्ड में इलाज कराने पर 10% कम राशि की प्रतिपूर्ति होगी।
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प्राइवेट वार्ड में इलाज के लिए 15% अतिरिक्त राशि प्रतिपूर्ति के तहत आ सकती है।
CGHS क्या है?
CGHS (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इलाज की कैशलेस सुविधा मिलती है। अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों को भोपाल CGHS दरों पर इलाज की सुविधा देकर बड़ी राहत दी है।
अब एमपी के सरकारी कर्मचारी 55 से अधिक निजी अस्पतालों में रियायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण इलाज करा सकेंगे। सरकार का यह कदम राज्य के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल माना जा रहा है।