Kailash Vijayvargiya Objects Ujjain’s Roads: मध्य प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार,4 दिसंबर को उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के लिए महत्वपूर्ण तीन बड़ी सड़कों के निर्माण के लिए ₹ 2312 करोड़ की मंजूर किए हैं। हालांकि कैबिनेट में दो दिग्गज मंत्रियों ने इन सड़कों का निर्माण सिंहस्थ के बजट की बजाय सरकारी मद से करने एवं ऊंची लागत पर आपत्ति जताई। लेकिन बाद में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन की समझाइश इस पर सड़कों के लिए जरूरी राशि को मंजूरी दे दी गई।
पहली बार कैबिनेट में इस आपस में हुए तरह सवाल जवाब
सिंहस्थ के दौरान उज्जैन की रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सीएम मोहन यादव की कैबिनेट ने 100 किलोमीटर लंबी तीन सड़कों को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है। हालांकि प्रस्ताव आने के बाद ही इस पर कैबिनेट के दिग्गज मंत्रियों ने सवाल भी उठाए। नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इन सड़कों के लिए 2312 करोड़ रुपये के बजट पर आपत्ति जताई। इसके साथ ही पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी सवाल उठाया कि इनकी लागत इतनी ज्यादा क्यों है? कैबिनेट बैठकों में यह पहला मौका था जब इस तरह के सवाल-जवाब हुए।
सीएम बोले सिंहस्थ का फंड सिर्फ 500 करोड़
बैठक अपर मुख्य सचिव (पीडब्ल्यूडी) केसी गुप्ता ने बताया कि सिंहस्थ के संदर्भ में उज्जैन में 1103 करोड़, 703 करोड़ और 207 करोड़ की तीन सड़कें बनाई जाएंगी, जिससे सिंहस्थ को मदद मिलेगी और उज्जैन में भी भीड़-भाड़ कम होगी। इस पर सरकार के दिग्गज मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति जताई और कहा कि अभी सिंहस्थ में समय है और उज्जैन में सड़कों का निर्माण सिंहस्थ फंड से होना चाहिए, न कि शासन मद से। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन सड़कों पर बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर काम किया जाए। इस पर सीएम ने जवाब दिया मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सिंहस्थ का फंड केवल 500 करोड़ है।
प्रस्ताव, आपत्ति और समझाइश
विजयवर्गीय ने कहा, “अगर ऐसा है तो हम सिंहस्थ का बजट बढ़वाने की कोशिश करेंगे और इसके लिए केंद्र से संपर्क करेंगे। अगर इतना पैसा उज्जैन पर खर्च किया जाएगा तो फिर बाकी सड़कों का क्या होगा?” मुख्य सचिव ने उत्तर दिया, “सड़कों का निर्माण पूरा होने में 3 से 4 साल का समय लगता है। यदि यह बीओटी मॉडल पर किया जाता है, तो फाइनेंशियल क्लियरेंस में एक से डेढ़ साल लग सकते हैं। सरकार सड़क बनाएगी और उस पर टोल लगाएगी। इसके अलावा, सड़क के दोनों ओर इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाई जाएंगी, जिससे लैंड पुलिंग से भी पैसा मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा, “बिल्कुल।” अपर मुख्य सचिव ने बताया, “प्रस्ताव यही है।” प्रहलाद पटेल ने सवाल उठाया, “इन सड़कों की इतनी लागत क्यों है?” अपर मुख्य सचिव ने जवाब दिया, “यह बड़ी सड़कों का निर्माण है, और यह आवश्यक हैं।”
2312 करोड़ रुपये से बनेंगी ये तीन सड़कें
- उज्जैन सिंहस्थ बायपास: यह 19.815 किमी लंबा और 4-लेन होगा, जिसकी लागत 701 करोड़ 86 लाख रुपये है।
- इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड 4-लेन: इसकी लंबाई 48.05 किमी होगी और इसकी लागत 1370 करोड़ 85 लाख रुपये है।
- उज्जैन का इंगोरिया-देपालपुर 2-लेन: यह सड़क 32.60 किमी लंबी होगी, और इसकी लागत 239 करोड़ 38
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