MP Cabinet Meeting: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इसमें कई महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं पर चर्चा होने की संभावना है।
इनमें एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) नीति 2025 को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा, वन विभाग की वन पुनर्स्थापना नीति-2025 और नई लोक परिवहन नीति पर भी विचार किया जाएगा।
एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 डिजिटल इंडस्ट्री को बढ़ावा
एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 का उद्देश्य राज्य में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और एक्सटेंडेड रियलिटी (एक्सआर) जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत, राज्य में डिजिटल कंटेंट निर्माण और गेमिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और राज्य को डिजिटल इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
वन पुनर्स्थापना नीति-2025 पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता
वन विभाग की वन पुनर्स्थापना नीति-2025 का उद्देश्य राज्य के वनों का संरक्षण और पुनर्स्थापना करना है। इस नीति के तहत, वनों की कटाई को रोकने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर जोर दिया जाएगा।
यह नीति पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नई लोक परिवहन नीति जनता के लिए बेहतर यातायात सुविधाएं
बैठक में नई लोक परिवहन नीति को भी प्रस्तुत किया जा सकता है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं को और अधिक सुगम और सुलभ बनाना है।
इसके तहत, बसों, ट्रेनों और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को आधुनिक बनाने और उनकी पहुंच को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे जनता को यातायात के सस्ते और सुविधाजनक विकल्प मिलेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) 2.0: किराए पर आवास की नई श्रेणी
सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 का ड्राफ्ट भी प्रस्तुत किया जाएगा। इस योजना के तहत किराए पर आवास की एक नई श्रेणी जोड़ी जा सकती है।
इस श्रेणी के तहत, कामकाजी महिलाओं, श्रमिकों, शहरी प्रवासियों, बेघर लोगों और छात्रों को सस्ते किराए पर आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे उन्हें महंगे इलाकों में रहने की मजबूरी से छुटकारा मिलेगा।
इसके अलावा, अफोर्डेबल हाउसिंग श्रेणी में अब सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी बिल्डर और डेवलपर भी आवास निर्माण कर सकेंगे। इससे आवास की उपलब्धता बढ़ेगी और शहरी क्षेत्रों में रहने की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।
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