MP Budget 2025: मध्य प्रदेश सरकार के बजट 2025-26 में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों का रिवीजन कर 1 अप्रैल 2025 से सातवें वेतनमान के अनुरूप देने का ऐलान किया है।
इसका मतलब यह है कि प्रदेश में अब सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के अलावा अन्य भत्तों का भुगतान भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप किया जाएगा। अभी उन्हें इन भत्तों का भुगतान छठवें वेतनमान में मंजूर दरों के अनुसार किया जा रहा है।
अभी छठवें वेतमान के अनुसार मिल रहे हैं अन्य भत्ते
कर्मचारी नेताओं के मुताबिक प्रदेश में अभी सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को अभी हाउस रेंट (HRA), ट्रैवलिंग एलाउंस (TA), यूनिफॉर्म एलाउंस, व्हीकल अलाउंस जैसे भत्तों का भुगतान छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है। दरएअसल प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ तो मिलने लगा था लेकिन उन्हें अन्य भत्तों का भुगतान छठवें वेतनमान की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है।
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01 अप्रैल से 7 वें वेतनमान के अनुसार मिलेंगे भत्ते
बजट में वित्त मंत्री की घोषणा के बाद अब प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2025 से महंगाई भत्ते के अलावा अन्य भक्तों का भुगतान सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप मिलने लगेगा। उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारियों को स्वीकृत वेतनमान के अलावा सरकार अलग-अलग तरह के भत्तों का भी भुगतान करती है।
कर्मचारियों को मिलते हैं ये भत्ते
इस तरह के अन्य भत्तों में गृह भाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता, वाहन भत्ता, वर्दी भत्ता या जोखिम भत्ता जैसे अलाउंस शामिल होते हैं। अभी प्रदेश में कर्मचारियों को ऐसे भत्तों का भुगतान छठवें वेतनमान की सिफारिश के अनुरूप किया जा रहा है। सातवें वेतनमान की सिफारिश के अनुरूप नहीं।
अब नई दरों के अनुसार मिलेंगे अन्य भत्ते
इस तरह देखा जाए तो प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को पिछले कई सालों से अन्य भत्तों का अन्य भत्तों का भुगतान पुरानी दरों के अनुरूप ही मिल रहा है। दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ तो दे दिया था लेकिन वेतनमान के अतिरिक्त मिलने वाले अन्य भत्तों का भुगतान पुरानी दरों पर ही किया जा रहा है। बजट में वित्त मंत्री के ऐलान के बाद अब प्रदेश सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों को 01 अप्रैल 2025 से अन्य भत्तों का भुगतान भी सातवें वेतनमान में स्वीकृत दरों के अनुरूप मिलने लगेगा।
पेंशन निर्धारण प्रक्रिया का केन्द्रीकरण
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने पेंशन निर्धारण प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत पेंशन निर्धारण की ऑनलाइन प्रणाली को लागू किया गया है, जो पूरी तरह से पेपरलेस (कागज रहित) है। यह नई व्यवस्था सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तेज और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
वर्तमान में, पेंशन निर्धारण प्रक्रिया को केन्द्रीकृत (Centralized) और फेसलेस (Faceless) बनाया जा रहा है। इसका मतलब है कि अब सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन निर्धारण के लिए किसी विशेष कार्यालय या अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस नई व्यवस्था के तहत:
- पेंशन निर्धारण की कार्यवाही प्रदेश के किसी भी स्थान या कार्यालय से की जा सकेगी।
- केन्द्रीकृत कार्यालय में पदस्थ कोई भी अधिकारी इस प्रक्रिया को संपादित कर सकेगा।
- यह प्रणाली पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देगी, क्योंकि कर्मचारियों को अब लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
बजट से कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी: तिवारी
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन संघ भोपाल के महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के बजट 2025-26 में कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थी की सरकार कर्मचारियों को जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत अन्य लाभ प्रदान करेगी लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

बजट में कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते 1 अप्रैल 2025 से सातवें वेतनमान के सुसंगत स्तरों पर पुनरीक्षण करने की बात कही गई है जो की उचित नहीं है। कर्मचारियों को करीब 12-14 साल से पुरानी दरों पर ही गृह भाड़ा, वाहन भत्ता, यात्रा भत्ता, वर्दी जोखिम भत्ता,आदिवासी क्षेत्र भत्ता, विकलांग भत्ता का भुगतान किया जा रहा है।
इसमें वृद्धि करने की मांग संगठन द्वारा काफी समय से की जा रही थी लेकिन सरकार ने अब 1 अप्रैल 2025 से देने का ऐलान किया है। इससे सभी कर्मचारियों को काफी आर्थिक नुकसान होगा. पेंशनरों के लिए जो ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने की बात की गई है उसका हम स्वागत करते हैं.
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