MP Budget 2024: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने बुधवार को अपना पहला बजट पेश किया। जिसमें स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए 2024-25 के लिए 52 हजार 682 करोड़ में प्रदेश में 3200 नए प्री-नर्सरी स्कूल और 22 नए आईटीआई (ITI) खोले जाएंगे। शिक्षा को लेकर बजट में और क्या खास रहा जानते हैं।
सीएम राइज स्कूलों के लिए बजट में क्या खास
वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत लगभग 150 सी.एम राईज विद्यालय नवीन भवन में संचालित होंगे। इन विद्यालयों में 1 किलोमीटर से अधिक दूर रह रहे प्राथमिक शाला एवं 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर रह रहे अन्य कक्षा के बच्चों के लिये परिवहन व्यवस्था लागू की गई है। सी.एम. राईज विद्यालयों के लिये रूपये 2 हजार 737 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
वर्ष 2024-25 में लगभग 3 हजार 200 प्राथमिक शालाओं में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं प्रारंभ की जावेंगी। (MP Budget 2024 in Hindi for Education) विद्यार्थियों में कौशल विकास एवं एमर्जिंग ट्रेण्डस के दृष्टिगत ए.आई, मशीन लर्निंग, कोडिंग आधारित शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता के साथ खेल, नृत्य, संगीत शिक्षकों के 11 हज़ार पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।
पी.एम. जन-मन योजना में 22 नए हॉस्टल बनेंगे
पीएम श्री योजना (PM Shri Yojna) अंतर्गत 730 विद्यालयों को चिन्हित किया गया है, जिनमें शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के साथ भौतिक संसाधनों का उन्नयन भी किया जायेगा। प्रदेश के बैगा, भारिया, सहरिया जैसी विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु पी.एम. जन-मन योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 22 नवीन छात्रावास प्रारंभ किये जायेंगे।
कॉलेजों में 2 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती
पी.एम. उषा परियोजना 565 करोड़ रूपये की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है। प्रत्येक जिले में पूर्व से संचालित एक महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में उन्नयन किया जा रहा है। इन महाविद्यालयों के लिये 2 हजार से अधिक नवीन पद भी सृजित किये गये हैं।
विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से 247 महाविद्यालयों में राशि रूपये 244 करोड़ का बजट प्रावधान कर भौतिक एवं अकादमिक अधोसंरचना विकास के कार्य कराये जा रहे हैं।
22 नई आईटीआई खुलेंगी
प्रदेश में वर्तमान में कुल 268 शासकीय आई.टी.आई. (ITI) संचालित हैं। इस वर्ष 22 नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ की जायेंगी, जिनसे 5 हजार 280 अतिरिक्त सीट्स की वृद्धि होगी। देवास, छिंदवाडा एवं धार को ग्रीन स्किलिंग आई.टी.आई. में विकसित कर सोलर टेक्नीशियन एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम प्रांरभ किये गये हैं।
विद्यार्थियों को विशिष्ट कौशल एवं आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक संभाग में स्थित इंजीनियरिंग/पॉलीटेकनिक महाविद्यालय में कोडिंग लैब की स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में 61 हजार बच्चों को छात्रवृत्ति
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 61 हज़ार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को लगभग रुपये 450 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की गई है।
शिक्षा क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 52 हजार 682 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
उच्च शिक्षा के लिए बजट में क्या है खास
बजट में कॉलेज को लेकर बात की जाए तो यहां कला, विज्ञान तथा वाणिज्य महाविद्यालय हेतु ₹2390 करोड़ का प्रावधान किया गया है। तो वहीं अतिथि विद्वानों को मानदेय हेतु ₹271 करोड़ का प्रावधान हैं। म.प्र. उच्च शिक्षा में सुधार हेतु ₹244 करोड़, शासकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण आदि हेतु ₹205 करोड़, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान योजना का क्रियान्वयन हेतु ₹154 करोड़ और अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों को पोषण अनुदान का प्रावधान है।
स्कूल शिक्षा के लिए बजट में क्या खास
माध्यमिक शालाओं के लिए ₹6705 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान हेतु ₹5100 करोड़, शासकीय हाई / हायर सेकेण्डरी शालायें हेतु ₹3389 करोड़, सी. एम. राइज हेतु ₹2738 करोड़, अतिथि शिक्षकों का मानदेय हेतु ₹933 करोड़ का प्रावधान है।
इसके अलावा आर.टी.ई. के तहत अशासकीय विद्यालयों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति हेतु ₹500 करोड़, साइकिलों का प्रदाय हेतु ₹310 करोड़, पंचायती राज संस्थाओ के अध्यापक तथा संविदा शाला शिक्षकों को वेतन/मानदेय हेतु ₹279 करोड़, विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण हेतु ₹228 करोड़, पी.एम.श्री हेतु ₹225 करोड़ का प्रावधान, स्टार्स परियोजना हेतु ₹168 करोड़ का प्रावधान, शासकीय स्कूल / छात्रावास / पुस्तकालय / आवासीय खेलकूद भवनों का निर्माण एवं विस्तार हेतु ₹151 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
अशासकीय शालाओं के लिए क्या है खास
अशासकीय शालाओं को अनुदान हेतु ₹125 करोड़, निःशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय हेतु ₹124 करोड़, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना हेतु ₹114 करोड़, विकास खण्ड स्तर कार्यालय की स्थापना मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए हेतु ₹113 करोड़, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था -मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए हेतु ₹104 करोड़ का प्रावधान और शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन एवं संधारण हेतु ₹100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
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