MP Board School Teacher Recognition Rules: माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने निजी स्कूलों को मान्यता देने के नियम को सख्त बना दिया है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अब शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
इस शपथ पत्र में उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट (बच्चों को लैंगिक) अपराधों से संरक्षण अधिनियम 2012) या किसी अन्य अपराध के तहत कोई मामला दर्ज नहीं है।
स्टांप पेपर पर जमा करना होगा शपथ पत्र
शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों को 100 रूपए के स्टाम्प पेपर पर ये शपथ पत्र जमा करना होगा। इसमें उन्हें अपने स्कूल का नाम, पता और अन्य जरुरी जानकारी दर्ज करनी होगी।
साथ ही यह घोषणा करनी होगी कि उनके खिलाफ प्रदेश या देश के किसी भी थाने में पॉक्सो एक्ट, भारतीय दंड सहिंता या भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता 2023 के अंतर्गत कोई आपराधिक मामला दर्ज या लंबित नहीं है।
साथ ही घोषित करना होगा कि वे मूल रूप से किस स्थान से संबंधित है.
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स्कूल को जारी करना होगा विज्ञापन
इसके अलावा स्कूलों मैनेजमेंट को बच्चों की सुरक्षा पक्की करने के लिए अलग से विज्ञापन भी देना होगा. जिसमें स्कूलों को बताना होगा कि स्कूल चलाने वाली सोसायटी, ट्रस्ट या संस्था के किसी भी अधिकारी, शिक्षक या कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज तो नहीं है।
साथ ही स्कूल में ऐसा कोई कर्मचारी नहीं होना चाहिए जिसके खिलाफ POCSO अधिनियम या किशोर न्याय अधिनियम (2000) के तहत मामला दर्ज किया गया हो। स्कूलों को प्रत्येक शिक्षक और कर्मचारी से अलग-अलग शपथ पत्र लेकर उनकी सत्यता की पुष्टि भी करनी होगी।
शिक्षा विभाग ने दी जानकारी
शिक्षा विभाग के मुताबिक, इस पहल से न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि स्कूलों के प्रशासन में भी सुधार होगा. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों की मान्यता या नवीनीकरण के लिए इस नियम का अनुपालन अनिवार्य होगा. इसके बिना मान्यता हेतु आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
गौरतलब है कि सितंबर में शहर के कमला नगर इलाके के एक निजी स्कूल के आईटी टीचर पर तीन साल की बच्ची से यौन शोषण करने का आरोप लगा था. टीचर पर स्कूल में ही एक नाबालिग लड़की से रेप करने का आरोप लगा था. मामले में सरकार ने एसआईटी गठित की थी.
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