MP Board News: आपने मध्यप्रदेश के बारे में एक लाइन तो सुनी होगी कि “MP गजब है”. अब इसी लाइन को सच करते हुए MP में 10वीं-12वीं के लाखों स्टूडेंट्स की जन्म तारीख दर्ज करने में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. 10वीं और 12वीं के 1 लाख 30 हजार स्टूडेंट की यू-डाइस पोर्टल पर जन्म तारीख ही बदल गई.
यू-डाइस पोर्टल पर गड़बड़ी के चलते 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे छात्रों की उम्र 3 से 4 साल हो गई है. जानकारी के मुताबिक जन्म तारीख को लेकर हुई इस गड़बड़ी के कारण छात्रों की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा.
बताया जा रहा है प्रिंसिपल, जन शिक्षक और बीआरसीसी द्वारा मॉनिटरिंग और तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था (MP Board News) के बावजूद बड़ी गड़बड़ी हुई है.
UDISE पोर्टल पर उम्र हुई 3 से 4 साल
आपको बता दें UDISE Plus (Unified District Information System for Education Plus) एक भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाया जाने वाला एक शैक्षिक डेटा पोर्टल है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत के विभिन्न शिक्षा डिस्ट्रिक्टों में शिक्षा संवाद को बढ़ावा देना और शिक्षा क्षेत्र के सभी स्तरों पर डेटा की सुविधा प्रदान करना है.
इसी UDISE पोर्टल पर 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे 17 से 18 साल के बच्चों की उम्र 3 से 4 साल दिख रही है. इस गड़बड़ी का शिकार प्रदेश के लगभग 1 लाख 30 हज़ार छात्र हुए हैं. जानकारी की माने तो ये गड़बड़ी बीते सत्र में हुई है.
इस गड़बड़ी के पकड़ में आने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से पत्र जारी कर सभी जिलों के कलेक्टरों को बताया गया कि 2023-24 के सत्र में 10 से 12 वीं तक पढने वाले करीब 1.30 लाख बच्चों की उम्र मैपिंग के दौरान यू-डाइस पोर्टल पर उम्र 3 से 4 साल हो गई है.
सरकारी योजनाओं लाभ मिलने में समस्या
यू-डाइस पोर्टल पर 10 वीं और 12 वीं पढ़ने वालों की 3 से 4 साल हो जाने की वजह से 1.30 लाख बच्चों को शासन की निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, यूनिफार्म, स्कॉलरशिप और मध्यान भोजन जैसे सरकारी लाभ मिलने की समस्या होगी.
पहले राज्य शिक्षा केंद्र की तरफ से 31 मई तक ठीक करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन आज 15 दिनों के बाद भी इसमें सुधार नहीं किया गया है. हाल ही में भारत सरकार के यू-डाइस पोर्टल पर सभी राज्यों के बच्चों की जानकारी भरने की शुरूआत की गई थी और पहले ही साल मध्यप्रदेश में जानकारी भरने में गड़बड़ी हो गयी.
भोपाल में 2276 बच्चों के डेटा में गड़बड़ी
बीते साल भारत सरकार ने सभी राज्य अपने यहां सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की जानकारी यू-डाइस पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने के निर्देश दिए थे. यह जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई थी और इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा स्कूल प्रिंसिपल, जन शिक्षक और बीआरसीसी का था.
तीन स्तरीय निगरानी होने के बाद भी गलत डाटा फीड हुआ। स्कूलों में बात की तो पता चला कि स्कूलों में इस काम को ट्रेनिंग नहीं लेने वाले कर्मचारियों से करवाया गया था. इसमें भोपाल में 2276 बच्चों का गलत डाटा भी फीड हुआ है.