हाइलाइट्स
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एमपी बोर्ड के 5 वीं और 8 वीं के पेपर में हुई गलती
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पेपर में प्रश्न क्रं. और आंसर सीट में हुई बोर्ड से गलती
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छात्रों को बोनस अंक दिए जाने को लेकर उठी मांग
MP Board Exam में 5 वीं और 8 वीं के प्रश्न पत्र में बोर्ड ने एक बार फिर बड़ी गलती कर दी. जिसको लेकर अब छात्रों को बोनस अंक दिए जाने की मांग उठ रही है.बोर्ड ने पिछले साल की तरह इस बार भी क्वेश्चन पेपर में गलती कर दी.
जिसको लेकर सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स के संस्थापक ने एमपी बोर्ड (MP Board Exam) को पत्र लिखकर छात्रों को बोनस अंक दिए जाने की मांग की है. प्रश्न पत्र में इस बार गलत प्रश्न शामिल करने, स्पेस कम देने जैसी गलतियां शामिल हैं
पेपर बनाने में हुईं ये गलतियां
सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स के संस्थापक दीपक राजपूत ने अपने पत्र में बोर्ड द्वारा हुई गलतियों का जिक्र किया है.
उन्होंने लिखा कि 5वीं और 8 वीं बोर्ड (MP Board Exam) की परीक्षाओं में पिछले साल की तरह इस साल भी पेपर में बोर्ड की तरफ से गलतियां हुईं हैं.
जिससे बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. कृपया इनका निराकरण करें और बच्चों को राहत दें
बोर्ड से हुईं ये गलतियां
11 मार्च को हिंदी के पेपर में प्रश्न क्र. 9 विलोपित है. जिसका बोनस अंक स्टूडेंट्स को दिया जाना चाहिये. वहीं अंग्रेजी के पेपर में उत्तर पुस्तिका (Answer sheet) में लेटर लिखने के लिये कुल 5 लाइन ही दी गयीं थी.
जो लेटर लिखने के लिए अपर्याप्त स्थान है. ऐसे में बच्चे भ्रमित रहे. बच्चों ने या तो अधूरा लेटर लिखा या फिर उसे छोड़ दिया. इसके लिए भी बोर्ड (MP Board Exam) को उदारता दिखाते हुये बोनस अंक देना चाहिए.
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बोनस अंक का नोटिफिकेशन जारी करे बोर्ड
दीपक राजपूत ने अपने पत्र में बोर्ड से अनुरोध किया कि छात्र हित में बोर्ड बोनस अंक प्रदान करे. और इसके सम्बन्ध में आदेश तत्काल जारी करने की कृपा करे. और इस तरह की गलतियों पर बोर्ड ध्यान दे.
NCERT और SCERT के सिलेबस में भेद खत्म हो
NCERT सिलेबस के बच्चों की उत्तर पुस्तिका में गलतियों के चलते बच्चे भ्रमित रहे. चूंकि उसमें प्रश्नन क्र. SCERT पेपर के अनुसार थे.
भ्रम की स्थिति बनने के कारण बच्चे गलत नबंर को काटने से डरते रहे. या तो गलत नम्बर डालकर उत्तर लिख आये या डर के कारण प्रश्न ही छोड़ आये.
दोनों पेपर की उत्तर पुस्तिका एक ही थी. इसलिए NCERT और SCERT के चयन में भ्रम न हो और देश में एक जैसा पाठ्यक्रम लागू करने की पहल हो.
जिससे परीक्षाओं के संचालन में बिना भ्रम के एक ही सिलेबस के आधार पर पेपर हों.