भोपाल। MP 5th-8th Board Exam New Rules एमपी बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए जरूरी खबर है। आपको बता दें प्रदेश में 13 साल बाद एक बार फिर कक्षा 5 वीं और 8 वीं की परीक्षाएं बोड पैटर्न पर आयोजित की जाएगी। इसी संबंध में परीक्षाओं से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया गया है। इस संबंध आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। जी हां राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार अब फेल हुए परीक्षार्थियों को दोबारा उसी क्लास में पढ़ना होगा। चलिए जानते हैं इस खबर से जुड़ी पूरी जानकारी।
नियमों में हुआ संसोधन —
13 साल बाद एमपी में एक बार फिर 5वीं और 8 वीं परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर होने जा रही हैं। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने परीक्षा के लिए मीडियम के नियमों में ढिलाई दी है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। विभाग ने 5वीं व 8वीं की 2022-23 परीक्षा के संबंध में जारी निर्देशों में निम्नानुसार आंशिक संशोधन जारी किए हैं। मध्यप्रदेश में करीब 13 साल बाद एक बार फिर 5वीं और 8वीं के एग्जाम बोर्ड पैटर्न पर होंगे। एमपी बोर्ड ने वर्ष 2008 में दोनों ही क्लास से बोर्ड पैटर्न हटा दिया था। इस बार प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के 5वीं में करीब 15 लाख और 8वीं में 14 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। यानी जिला स्तर पर पेपर तैयार होगा। एग्जाम के बाद उत्तर पुस्तिकाएं दूसरे स्कूल में चेक होने के लिए जाएंगी। अब फिर से रिजल्ट भी निकलेगा और बच्चे फेल भी होंगे। लेकिन इसमें अच्छी बात ये होगी कि परीक्षार्थी के पास होने के लिए एक और मौका दिया जाएगा।
संसोधन के बाद ये निर्देश जारी —
- प्राइमरी लैंग्वेज हिन्दी और अंग्रेजी रहेगी।
- इसके अलावा उर्दू, मराठी भाषा के चयन करने पर ऑप्शनल लैंग्वेज/थर्ड लैंग्वेज के रूप में हिन्दी सामान्य चुनना होगा।
- 5वीं में प्राइमरी लैंग्वेज के रूप में हिन्दी और अंग्रेजी चुनने वाले स्टूडेंट्स ऑप्शनल लैंग्वेज (वैकल्पिक) के रूप में सामान्य उर्दू/सामान्य पंजाबी चुन सकेंगे।
- 8वीं के छात्रों के लिए थर्ड लैंग्वेज के रूप में पूर्व में दिए गए ऑप्शन के साथ पंजाबी भाषा को भी सम्मिलित किया जाता है।
- सरकारी स्कूलों के लिए 31 अक्टूबर 2022 को परीक्षा पोर्टल पंजीयन के लिए खोला जा चुका है।
- सुविधा की दृष्टि से सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट अनुदान प्राप्त स्कूल व मदरसों के छात्रों का पंजीयन पोर्टल पर 5 नवंबर से 25 नवंबर 2022 के बीच किया जा सकेगा।
फेल हुए तो क्या —
नए संसोधित नियमों के अनुसार अगर परीक्षा में कोई विद्यार्थी फेल होता है तो उसे दोबारा पेपर देने का मौका दिया जाएगा। यदि दोबारा दी हुई परीक्षा में भी फेल होते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में रोका जाएगा। जहां इन्हें दोबारा पढ़ना होगा। इतना ही नहीं हर छात्र का शुल्क अभिभावकों को नहीं बल्कि स्कूल को देनी होगी। साथ ही स्कूल वाले परीक्षा के नाम से छात्रों से शुल्क नहीं वसूल पाएंगे। प्रत्येक अकादमिक वर्ष के अंत में दोनों क्लास की वार्षिक परीक्षा होगी। इसका प्रावधान मध्यप्रदेश राजपत्र में 2 मार्च 2019 में पब्लिश शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के संशोधन के प्रकाशित है।