हाइलाइट्स
-
प्रदेश में तीर्थ दर्शन योजना को लेकर बड़ा ऐलान
-
तीर्थ पर आए बुजुर्गों को सरकार दर्शन कराएगी
-
उज्जैन शहर में होगा धार्मिक मुख्यालय
MP Tirth Darshan Yojana: मध्य प्रदेश की तीर्थ दर्शन योजना को लेकर बड़ी खबर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के साथ-साथ राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल भी घुमाए जाएं। इसके लिए तीर्थ दर्शन योजना का विस्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिये ये निर्देश
एमपी में लागू की गई तीर्थ दर्शन योजना को लेकर सीएम ने बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को भी अब प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थलों पर सरकार लेकर जाएगी। ज्ञान-विज्ञान के केंद्रों और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर सरकार युवाओं को लेकर जाएंगी।
इस प्रक्रिया से होगा छात्रों का चयन
एमपी जनजातीय विकास विभाग (MP Tribal Development Department) हर जिले से मेरिट और अन्य आधार पर छात्रों का चयन कर उन्हें प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण करवाएगा।
इन मंदिरों के व्यवस्थाएँ होंगे बेहतर
सीएम ने ओरछा, शारदा माता के स्थान मैहर, बड़ा महादेव मंदिर, चौरागढ़ महादेव और जटा शंकर पचमढ़ी पर व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए।
युवाओं को प्रदेश से परिचित कराना है लक्ष्य
सीएम यादव ने कहा कि जनजातीय विकास विभाग द्वारा हर जिले से मेरिट और अन्य आधार पर विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण करवाया जाए।
धार्मिक न्यास, धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी (Endowment Minister Dharmendra Singh Lodhi) बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उज्जैन में होगा धार्मिक मुख्यालय
मध्य प्रदेश का धार्मिक मुख्यालय अब उज्जैन होगा। सिंहस्थ से पहले मोहन यादव सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग (Religious Trust and Endowment Department) का मुख्यालय भोपाल से उज्जैन शिफ्ट किया जाएगा। अब सिंहस्थ के फैसले भी भोपाल नहीं बल्कि उज्जैन से लिए जाएंगे।
2028 में उज्जैन में सिंहस्थ मेले का आयोजन
इसके अलावा उज्जैन का महत्व और भी बढ़गा। साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ मेले का आयोजन होगा। ऐसे में धार्मिक न्यास और धर्मस्य विभाग के उज्जैन में होने की वजह से मेले का आयोजन में भी काफी आसानी होगी।