Saurabh Sharma bail bhopal gold case: मध्यप्रदेश के सबसे चर्चित आरटीओ घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा समेत तीनों आरोपियों को कार्ट से जमानत मिल गई है। इसकी वजह, निर्धारित समय सीमा 60 दिन में लोकायुक्त पुलिस द्वारा कोर्ट में चालन पेश ना करना रही। जिससे तीनों आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। मामले में लोकायुक्त की विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र ने यह आदेश दिए हैं। हालांकि, सौरव शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। ईडी द्वारा दर्ज मामले में इन तीनों को जेल में ही रहना पड़ेगा।
सौरभ शर्मा के पास से मिली बेशुमार संपत्ति
यहां बता दें, भोपाल में जंगल में मिली सौरभ शर्मा की कार से 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश पकड़ा गया था। इसके बाद छापामार कार्रवाई में सौरभ शर्मा की 100.36 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। जिसमें उसके कई रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर संपत्ति जुटाने के दस्तावेज मिले हैं।
लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही पर सवाल?
इस पूरे मामले में एक ही बात सबसे ज्यादा परेशान करने वाली है, वह है लोकायुक्त पुलिस की की कार्रवाई। मामले में जमानत मिलने के पीछे 60 दिन में भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ चालान पेश नहीं करना है। जिसका नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी।
ऐसे हुई सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी
मामले में सौरभ शर्मा को नाटकीय घटनाक्रम के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस समेत कई जांच एजेंसियों कार्रवाई कर रहीं हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की भी कार्रवाई जारी है। इन सभी एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के अवैध संपत्ति एकट्ठा करने और काली कमाई के स्रोतों की जांच शुरू की है।
कुछ महीने पहले सौरभ का नाम तब सुर्खियों में आया था, जब ग्वालियर पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, साथ ही उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। इस केस में कई तरह की जांच की जा रही है, जो दर्शाती है कि सौरभ शर्मा का मामला कितना जटिल और बहुआयामी है।
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ये एजेंसियां कर रही जांच
- ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) सौरभ शर्मा के मनी ट्रेल और संपत्तियों की जांच कर रही है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सौरभ शर्मा ने अपनी संपत्ति को कहां और कैसे अर्जित किया।
- आयकर विभाग ने सौरभ के दोस्त चेतन सिंह की कार से मिले 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए की जांच शुरू की है। यह कैश और गोल्ड किस स्रोत से आया, यह जांच का मुख्य विषय है।
- लोकायुक्त पुलिस इस बात की जांच कर रहा है कि सौरभ शर्मा ने अपनी आय से ज्यादा संपत्ति कैसे बनाई।
- डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) इस मामले की जांच कर रहा है कि क्या जो गोल्ड बरामद हुआ है, वह कानूनी तरीके से हासिल किया गया है या नहीं। इसके अलावा, काली कमाई को एक कॉलोनी बनाने में खपाए जाने का कनेक्शन भी इन एजेंसियों को मिला है, जो इस केस को और गंभीर बना रहा है।
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