Bhopal Flyover Project: भोपाल में तीन नए फ्लाईओवर बनाए जाने की तैयारी अब शुरू हो गई है। दरअसल, पीडब्ल्यूडी के भेजे प्रस्ताव पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है। राजधानी की तीन बहुत ही व्यस्त सड़कों पर ये फ्लाईओवर बनाए जाएंगे।
इन मार्गों पर बनेंगे फ्लाईओवर
ये फ्लाईओवर बिट्टन मार्केट चौराहा, सर्वधर्म चौराहा और अशोका गार्डन के परिहार चौराहा पर बनाए जाएंगे। इन फ्लाईओवर को बनाने में करीब 400 करोड़ के खर्च की संभावना जताई जा रही है। इन क्षेत्रों में फ्लाईओवर बनने से करीब 9 लाख लोगों को फायदा होगा।
अशोका गार्डन से रेलवे स्टेशन
इस मार्ग पर बनने वाले फ्लाईओवर की लंबाई 2500 मीटर होगी। इस फ्लाईओवर की लागत 185 करोड़ होगी। दरअसल, इस मार्ग में फोरलेन होने के बाद भी अतिक्रमण के कारण रोज जाम के हालात बन जाते हैं। इसलिए यहां फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
रोजाना 2 लाख लोगों को फायदा
अशोका गार्डन से रेलवे स्टेशन तक फ्लाईओवर बनने से रोजाना 2 लाख लोगों को फायदा होगा। इस मार्ग में फ्लाईओवर बनने से अशोका गार्डन, लाजपत राय कॉलोनी, ऐशबाग, पंजाबी बाग, गोविंद गार्डन, सेमरा, पुष्पा नगर, बजरिया समेत भोपाल स्टेशन की रास्ते में जाम से राहत होगी।
दूसरा फ्लाईओवर सर्वधर्म चौराहे पर
सर्वधर्म चौराहे पर सिक्सलेन के ऊपर बनने वाला फ्लाईओवर 1550 मीटर लंबा होगा। इस फ्लाईओवर की लागत 158 करोड़ रुपए होगी। सर्वधर्म चौराहे पर फ्लाईओवर इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि कोलार सिक्सलेन होने के बाद भी यहां ट्रैफिक जाम हो जाता है। यहां फ्लाईओवर बनने से रोजाना करीब 4 लाख लोगों को फायदा होगा।
बिट्टन मार्केट चौराहे पर होगा फ्लाईओवर
राजीव गांधी चौराहे पर रोज ट्रैफिक जाम हो जाता है। साथ ही लिंक रोड 3 से हैवी ट्रैफिक गुजरता है। इसलिए बिट्टन मार्केट चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। ये फ्लाईओवर 700 मीटर लंबा होगा और इसकी लागत 67 करोड़ रुपये होगी। यहां फ्लाईओवर बनने से प्रतिदिन करीब 3 लाख लोगों को फायदा होगा।
प्रदेश में 11 नए फ्लाईओवर
प्रदेश में 11 नए फ्लाईओवर बनाने की योजना है। भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में तीन-तीन, खरगोन में एक और नरसिंहपुर में भी एक फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। सभी फ्लाईओवर के लिए रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री ही पैसा देगी। ये फंड मंत्रालय ने पेट्रोल डीजल पर लगने वाले सेस से इकट्ठा किया है। इस फंड को लोगों की सुविधा के लिए ही खर्च करने की प्लानिंग है।
इस प्रोजेक्ट में लैंड एक्यूजीशन और यूटिलिटी शिफ्टिंग का खर्च पीडब्ल्यूडी उठाने वाला है। सभी प्रोजेक्ट को सेतुबंधन परियोजना के तहत बनाया जा रहा है।
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