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दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकारों की सुरक्षा के दिए आदेश: याचिका में भिंड एसपी से जान का खतरा बताया,जर्नलिस्ट से मारपीट मामला

Delhi High Court Madhya Pradesh (MP) Bhind Journal Amarkant Singh Chauhan Security Case Update: अमरकांत सिंह चौहान समेत तीन पत्रकारों को दो महीने की सुरक्षा देने का आदेश दिया है। याचिका में चौहान ने भिंड एसपी असीत यादव से जान का खतरा बताया।

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BP Shrivastava
Bhind News

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Bhind News: मध्यप्रदेश के भिंड में एसपी की मौजूदगी में पुलिस द्वारा पत्रकारों से मारपीट मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भिंड के पत्रकार अमरकांत सिंह चौहान समेत तीन पत्रकारों को दो महीने की सुरक्षा देने का आदेश दिया है। याचिका में पीड़ित पत्रकारों ने भिंड एसपी असीत यादव से जान का खतरा बताया।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिए

जानकारी के मुताबिक 1 मई को एसपी ने ऑफिस बुलाकर मारपीट की थी, जिसके बाद से पत्रकार दिल्ली में शरण लिए हुए हैं। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा देने और पत्रकार का मोबाइल नंबर बीट अफसर और एसएचओ को देने के निर्देश दिए हैं।
पत्रकार अमरकांत चौहान के वकील ने बताया कि पत्रकार ने चंबल में अवैध से रेत खनन और पुलिस की संलिप्तता को उजागर किया था। एसपी ने आरोपों को खारिज किया है।

PCI ने की है DGP से जांच और कार्रवाई की मांग

इससे पहले भिंड एसपी असीत यादव की पत्रकारों के साथ बर्बरता मामले में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI), इंडियन विमेन प्रेस कॉप्से और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कड़ी निंदा की थी और मप्र के डीजीपी कैलाश मकवाना से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। साथ ही पत्रकारों को प्रताड़ित करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

एसपी ऑफिस में बुलाकर पत्रकारों से मारपीट

1 मई को पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत चौहान को एसपी कार्यालय में “चाय पर चर्चा” के नाम पर बुलाया गया और फिर खुद एसपी असीत यादव की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई। शशिकांत गोयल दैनिक बेजोड़ रत्न से जुड़े हैं जबकि अमरकांत चौहान स्वराज एक्सप्रेस के भिंड ब्यूरो प्रमुख हैं। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया को पत्रकारों ने पूरी घटना बताई। जिसमें बताया गया कि इन पत्रकारों ने चंबल नदी में अवैध रेत खनन और उसमें स्थानीय पुलिस की मिलीभगत को उजागर किया था। इसके बाद इन पत्रकारों को एसपी ऑफिस बुलाया गया और मारपीट सहित कई तरह से प्रताड़ित किया गया। यह भी बताया गया कि वहां पहले से आधा दर्जन से ज्यादा पत्रकारों को अंडरगारमेंट्स उतार कर प्रताड़ित किया गया। शशिकांत और अमरकांत के पहुंचने पर उनके साथ भी पुलिस ने मारपीट की।

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दबाव डालकर समझौता, फिर वीडियो वायरल किया

इतना ही नहीं दो दिन बाद यानी 4 मई को दोनों पत्रकार ग्वालियर से दिल्ली केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से शिकायत करने जा रहे थे, इसी दौरान साजिश के तहत उन्हें वापस भिंड ले जाया गया और दबाव डालकर समझौता करवाया। इसके बाद अगले दिन यानी 5 मई को बयान दर्ज करा कर वीडियो बनाया गया और फिर इसे खुद पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल किया। जिससे मामला किसी तरह शांत हो जाए।

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