मध्यप्रदेश। MP Bail Pola 2022: आज देश के कई हिस्सों में बैलों की पूजा यानि पोला पर्व मनाया जा रहा है वहीं पर यह पर्व खास तौर पर भाद्रपद मास की अमावस्या पर मनाया जाता है जिसे पिठौरी अमावस्या का पर्व कहा जाता है। इस मौके पर किसान बैलों की पूजा करते है तो वहीं पर बैलों को लेकर शुभ कामना भी की जाती है। इस पर्व के बारे में कम लोग ही जानते है आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे है-
इन राज्यों में लोकप्रिय
आपको बताते चलें कि, पोला पर्व यानि की बैलों की पूजा मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के कुछ स्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन बैलों की पूजा की जाती है। इसे बैल पोला और पोला पर्व के माना जाना जाता है। जहां पर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में इसका महत्व काफी ज्यादा देखा जाता है वहीं पर विदर्भ में इसे मोठा पोला या तान्हा पोला भी कहा जाता है। किसान प्रदेश देश में किसान इस पर्व को अपने बैलों के लिए करते है और धन्यवाद देते है।
जानें कैसे मनाते है ये पर्व
आपको बताते चलें कि, इस मौके पर किसान अपने बैलों की गले से रस्सी निकालकर उनकी तेल मालिश करते हैं। इसके बाद उन्हें अच्छे से नहलाकर तैयार किया जाता है। कई स्थानों पर बैलों को रंग बिरंगे कपड़े और जेवर के साथ फूलों की माला पहनाई जाती है। इसके बाद बैलों को बाजरा से बनी खिचड़ी खिलाई जाती है। सभी एक एक स्थान पर इकट्ठा होकर बैलों का जुलूस निकालते हैं और उत्सव मनाते हैं। इस दिन घरों में मीठे पकवान बैलों और व्यक्तियों के लिए बनाई जाती है।