MP Bagun Sumbrai : भारत की राजनीति हमेशा अपने अलग अंदाज को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रही है। देश की माटी से ऐसे कई नेता उभर कर सामने आए, जिन्होंने अपने कर्तव्य को कभी पीछे नहीं छोड़ा। ऐसा एक नेता जिसका खुला बदन, लंबी मूछें—दाढ़ी और बिना चप्पल के सहारे राजनीति की। इतना ही नहीं बहुपत्नियों के लिए चर्चा में भी रहे। हम बात कर रहे है। बागुन सुम्ब्राई की। बागुन सुम्ब्रई चाईबासा से चार बार विधायक और सिंहभूम के पांच बार सांसद रहे है।
1924 में जन्मे बागुन सुम्ब्रई की उम्र जब 21 वर्ष की हुई, तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और विनोबा भावे की प्रेरणा से खुला बदन रहने का निर्णय लिया था। वह अपने जीवन की अंतिम सांस तक खुला बदन रहे। शरीर पर केवल सफेद और हरे रंगा का गमछा ही डाला। चाहे कैसी भी ठंड़ पड़े या कैसी भी बरसात हो उनका बदल खुला ही रहा। वह जब भी संसद या विधानसभा जाते तो कैमरों की लाइने लग जाती।
28 पत्नीयों के लिए रहे चर्चा में
बागुन सुम्ब्रई को उनकी कई पत्नियों के लिए जाना जाता था। बताया जाता है कि उनकी 28 पत्नियां थी। एक बार बिहार विधानसभा में बागुन सुम्ब्रई की कई पत्नियों को लेकर बहस हुई। जिसमें पश्चिम सिंहभूम जिले में 28 महिलाओं के पति के रूप में बागुन सुम्ब्रई के नाम का जिक्र आने की बात सामने आई थी। कई बार तो दावा किया गया कि उनकी 50 पत्नियां थी, लेकिन बागुन सुम्ब्रई खुद सिर्फ पांच पत्नियां होने की बात स्वीकार करते थे। बागुन सुम्ब्रई ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने कई परित्यक्ता, विधवा और सामाजिक प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को संरक्षण देने का काम किया।
साईकिल से जीता चुनाव
बागुन सुम्ब्रई ने साल 1967 में झारखंड पार्टी के टिकट पर चाईबासा से पहला चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बागुन सुम्ब्रई ने पहला चुनाव 910 रुपये में जीता था। वे अपने समर्थकों के साथ साईकिल से पूरे विधानसभा में घूम-घूम कर प्रचार करते थे। चुनाव के अंतिम समय में पैसे के अभाव में उन्होंने अपनी साईकिल 125 रुपये में गिरवी रख दी थी। चुनाव जीतने के 6 महीने बाद पैसा देकर साईकिल वापस ली।