MP B.Ed-D.Ed Ghotala: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के बीच B.Ed-D.Ed कॉलेजों के फर्जीवाड़े से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि फर्जीवाड़े मामले में STF ने यानी कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन और जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रमुखों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बता दें कि नोटिस में जवाब मांगते हुए कहा है कि फर्जी तरीके से मान्यता पाने वाले कॉलेज का निरीक्षण किन अधिकारी-कर्मचारी ने किए थे। इसके साथ ही कॉलेजों की सूटेबल रिपोर्ट किसने जारी की थी। जिसके आधार पर कॉलेज को मान्यता मिली।
STF ने नोटिस जारी कर मांगे ये जवाब
कॉलेजों को मान्यता दिलाने में किस अधिकारी कर्मचारी की क्या भूमिका थी। इसके साथ ही उनके नाम और पद की जानकारी मांगी है। जिससे दोषियों पर कार्रवाई की जा सके। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
ये किया फर्जीवाड़ा
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के 6 कॉलेजों की जांच में पता चला था कि कॉलेजो की मान्यता लेने के लिए फर्जीवाड़े की सभी हदें पार कर दी गई थी। आरोपियों ने जिस जगह कॉलेज बताया, उस जगह पर खेत बने हैं। भवन बनाने के लिए फर्जी तरीके से परमिशन ली गई। इसके साथ ही बैंक से कराई गई FDR भी फर्जी बनाई।
भवन बनाने के लिए फर्जी तरीके से ली परमिशन
इस फर्जीवाड़े का में ग्राम पंचायत से भवन बनाने की अनुमति भी फर्जी तरीके से ली गई थी। इता नहीं सरपंच के साइन तक फर्जी किए गए हैं। इसके साथ ही बैंक की फिक्स डिपॉजिट रिसीप्ट (FDR) भी फर्जी तरीके से बना ली गई थी।
STF अब SCTI और जीवाजी यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। जिसमें दोषी पाए जानें पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बैंक की FDR भी फर्जी
STF के SP राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक, अब तक कॉलेजों की जांच में सामने आया है कि कुछ कॉलेजों ने मान्यता लेने के लिए जो FDR कराई थी, वो भी फर्जी थी। जिसे बैंक द्वारा जारी करने से इंकार कर दिया है।
इन कॉलेजों पर दर्ज है FIR
– अंजुमन कॉलेज ऑफ एजुकेशन सेवड़ा, दतिया
– सिटी पब्लिक कॉलेज शाढ़ौरा, अशोक नगर
– प्राशी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, मुंगावली, अशोक नगर
– मां सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, वीरपुर, श्योपुर
– प्रताप कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बड़ौदा, श्योपुर
– आइडियल कॉलेज, बरौआ, ग्वालियर
इन कॉलेजों के संचालकों को आरोपी बनाया है। STF पड़ताल कर ये भी जांचेगी कि अभी तक ये कॉलेज कितनी डिग्रियां बांट चुके हैं।
ये खबर भी पढ़ें: MP नर्सिंग कॉलेज घोटाला: संचालकों को सुप्रीम कोर्ट का झटका, HC के आदेश पर दखल देने से किया इंकार