भोपाल। MP Ayushman Hospital Strick वैसे तो आयुष्मान कार्ड द्वारा फ्री इलाज Free Treatment की सुविधा गरीब वर्ग के तबकों को फ्री इलाज देने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन इससे अस्पतालों को नुकसान हो रहा है। जिसके चलते कुछ निजी अस्पताल संचालकों private hospital ने भुगतान न मिलने के चलते ये निर्णय लिया है। आपको बता दें इस योजना के तहत करीब 4 हजार मरीजों को रोजाना इलाज मिलता है।
इसलिए नाराज हैं संचालक — MP Ayushman Hospital Strick
एसोसिएशन द्वारा मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आयुष्मान अस्पतालों को सरकार द्वारा पैसों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते ये सरकार से नाराज हैं। एसोसिएशन द्वारा सोमवार को पत्रकार वर्ता में ये बात कही गई कि सरकार द्वारा अस्पतालों का आयुष्मान के इलाज को लेकर करीब 3 से 15 महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। आपको बता दें पूरे प्रदेश में ये आंकड़ा करीब 600 से 900 करोड़ रूपए का है। जिसमें से सिर्फ भोपाल में निजी अस्पतालों में आयुष्मान के रोजाना करीब 500 से अधिक आईपीडी मरीज भर्ती होते हैं।
क्या कहना है संचालकों का — MP Ayushman Hospital Strick
आपको बता दें एमपी में करीब 4 हजार ऐसे मरीज हैं जो प्रतिदिन आयुष्मान कार्ड से इलाज कराते हैं। लेकिन अब इनकी समस्या बढ़ जाएगी। यूनाइडेट प्राइवेट हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन United Private Hospitals Directors Association ने 15 अप्रैल शाम 5 बजे से आयुष्मान कार्ड पर इलाज नहीं करने का निर्णय लिया है। आपको बता दें इस एसोसिएशन में 150 और प्रदेश भर से 622 अस्पताल इस स्कीम के तहत लोगों को इलाज करते हैं।
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लेंगे न्यायालय की मदद —
इस संबंध में एसोसिएशन में एडवाइजरी बोर्ड advisory Board के चेयरमेन डॉ. जीशान अहमद का कहना है कि अगर हमारा रुका भुगतान 31 अप्रैल 2023 तक का सेटलमेंट नहीं किया गया तो हम इसके लिए न्यायालय की मदद लेंगे। इससे पहले हम प्रशासनिक लेवल पर पूरे प्रयास कर चुके हैं। वहां से हमें सिर्फ आश्वासन ही मिलते हैं। उनके अनुसार इससे पहले रीवा में भी 10 अप्रैल से कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान पर सेवा देना पहले से ही बंद कर दिया है।
ये हैं समस्याएं —
एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. जेपी पालीवाल द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार इस योजना के कारण योजना में सम्मिलित एवं सेवारत सभी चिकिस्तालयो को अत्यंत गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। चूंकि आयुष्मान योजना में आने वाले रोगियों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते इसलिए ऐसे में ये समस्याएं और अधिक बढ़ रही है। हमारे पास पैसा नहीं है। इतना ही नहीं MP Ayushman Hospital Strick: बिजली बिल, कर्मचारियों की सैलरी, बैंक की किश्ते के साथ अस्पताल का किराया भी जेब से भरना पड़ रहा है। ऐसे में निजी अस्पतालों के पास नहीं बचने से समस्याएं बढ़ गई हैं।
ये हैं एसोसिएशन की मांगें —
- एसोसिएशन की मांग है कि 31 अप्रैल 2023 तक के सभी लंबित निजी चिकित्सालयों MP Ayushman Hospital Strick: का भुगतान अतिशीघ्र किया जाए।
- इतना ही नहीं आयुष्मान भारत निरामयम की कार्ययोजना समिति का विधिवत गठन किया जाए।
- इससे शासकीय अधिकारियों के साथ अन्य तथस्त सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी 20 प्रतिशत सदस्यों का प्रतिनिधित्व कर निजी चिकित्सालयों private hospital के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित किया जा सके।
- 30 दिन के अंदर सेवा प्रदाता अस्पतालों का नियमानुसार भुगतान किया जाए। हमारी तरफ से इसे 45 दिन तक भी इसे बड़वाने को तैयार हैं। इससे प्रत्येक प्रकरण के निरीक्षण एवं ऑडिट के लिए विभाग को पर्याप्त टाइम दिया जा सके।