MP Atithi Vidwan Transfer: मध्य प्रदेश में नियमित कर्मचारियों के लिये भले ही ट्रांसफर पर लगी रोक अब तक न हट पाई हो लेकिन सरकारी कॉलेजों में पदस्थ अतिथि विद्वानों के लिये तबादले शुरु हो गए हैं।
हालांकि अब आधी अधूरी तैयारी के बीच शुरु हुई स्थानांतरण प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 10 दिन पहले स्थानांतरण प्रक्रिया का कैलेण्डर तो जारी हुआ, पर अब अतिथि विद्वानों का आरोप है कि कॉलेजों में रिक्त पद शो ही नहीं हो रहे हैं, ऐसे में कोई अपने नजदीकी कॉलेज का कैसे चयन कर पाएगा। अतिथि विद्वानों ने तबादलों की अंतिम तारीख बढ़ाए जाने की भी मांग की है।
पुराने पद भी नहीं हो रहे शो
सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा दे रहे अतिथि विद्वानों की चल रही स्थानांतरण प्रक्रिया ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मार्च 2023 में बड़ी संख्या में पद रिक्त थे, वह भी पोर्टल में शो हो रहे हैं।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) October 20, 2024
जबकि अभी भर्ती प्रक्रिया चल रही है पूरी नहीं हुई। इसके अलावा एक साल में कई प्रोफेसर रिटायर भी हुए। मतलब एक वर्ष बाद रिक्त पदों की संख्या बढ़नी चाहिए लेकिन ये संख्या बढ़ने की जगह घट गई है।
घर से 800 किमी दूर तक सेवाएं दे रहे
सरकारी कॉलेजों में पदस्थ कई अतिथि विद्वान ऐसे हैं जो अपने घरों से 800 से हजार किमी दूर तक सेवाएं दे रहे हैं। ये अतिथि अपने शहर के नजदीक के किसी कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन खाली पद शो ही नहीं होने से ये ट्रांसफर के लिये अप्लाई ही नहीं कर पा रहे हैं। महिला अतिथि विद्वानों को ज्यादा समस्या से जूझना पड़ रहा है।
महापंचायत में की थी घोषणा
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने ने सीएम हाउस में 11 सितंबर 2023 को आयोजित महापंचायत में सत्र में एक बार अतिथि विद्वानों के स्थल परिवर्तन की घोषणा की थी। इस दौरान वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी मंच पर मौजूद थे। एक साल बाद इस पर काम शुरु हुआ, वो भी आधी अधूरी तैयारी के साथ।
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विभाग और प्राचार्य एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
बिना तैयारी के विभाग ने अतिथि विद्वानो के ट्रांसफर एवं नई भर्ती का कैलेंडर तो जारी कर दिया, लेकिन विभाग अब तक रिक्त पदों का डेटा ही सामने ला पाया है।
अतिथि विद्वानों का आरोप है कि प्राचार्यों द्वारा बोला जा रहा है कि हमने डेटा अपडेट कर दिया, पर उच्च शिक्षा विभाग जारी नहीं कर रहा है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग बोल रहा है कि प्राचार्यों के द्वारा डेटा अपडेट ही नहीं किया गया। इस असमंजस में दिक्कत अतिथि विद्वानों को हो रही है।
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अतिथि विद्वानों ने ये कहा
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने कहा कि बिना पूर्व तैयारी के विभाग ने ये ट्रांसफर की प्रोसेस शुरू कर दी। रिक्त पदों को दबाया जा रहा है। इसके पीछे मंशा क्या है ये समझ से परे है।
अतिथि विद्वान महासंघ की स्पष्ट मांग है कि अभी इस प्रक्रिया में पूरे रिक्त पदों को शो किया जाए। साथ ही तारीख भी बढ़ाई जाए, जिससे अतिथि विद्वानों को लाभ मिल सके।
मीडिया प्रभारी डॉ. आशीष पांडेय ने कहा कि इन सब समस्याओं का निराकरण एक झटके में हो सकता है जो बहुत आसान है। रिक्त पदों के विरुद्ध कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों को उन्हीं पदों में समायोजन कर दिया जाए।