MP Atithi Shikshak Protest: राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षक और सरकार के बीच समन्वय बन गया है। अतिथि शिक्षक अब बीच सत्र में बाहर नहीं होंगे। मंत्रालय में चली 30 मिनट की वार्ता सफल रही। जिसमें कुल आठ मुद्दों पर सहमति बन गई है।
जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। हालांकि महापंचायत की घोषणाओं को लेकर फिलहाल कोई बात नहीं हुई है।
30 सितंबर तक का दिया समय
सरकार ने 8 मांगों में से कुछ मान ली है। बाकी पर विचार कर अतिथियों के लिए बेहतर से बेहतर करने का आश्वासन दिया है। अतिथि शिक्षकों ने सरकार को 30 सितंबर तक का समय दिया है।
यदि 30 सितंबर तक सभी 8 मांगे नहीं मानी गई तो अतिथि शिक्षक फिर आंदोलन करेगा। तब तक के लिए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है।
30 मिनट तक चली वार्ता में इन पर सहमति
जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षकों का 10 माह का सेवाकाल/अनुबंध के साथ ही 30% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षकों को सत्र 2024-25 में नियुक्ति का एक और मौका दिये जाने पर सहमति बन चुकी है।
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दोपहर 11.30 से 12 बजे तक मंत्रालय में अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने चर्चा की। इस दौरान विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त डीपीआई मौजूद थे।
इन आठ बिंदुओं पर बनी सहमति
1. अतिथि शिक्षकों का 10 माह का सेवाकाल/अनुबंध होगा।
2. बीच सत्र में अतिथि शिक्षक बाहर नहीं होंगे। रिक्त पद नहीं माना जाएगा।
3. स्कोर कार्ड में अनुभव के प्रति वर्ष 10 अंक और अधिकतम 15 वर्षो के 150 अंक जोड़े जाएंगे, भले ही शिक्षक ने किसी भी वर्ग में क्यों न पढ़ाया हो।
4. रिटायर्ड शिक्षकों की भांति स्कोर कार्ड में अनुभव अंक जोड़ा जाएगा।
5. उच्चपद प्रभार/स्थानांतरण/सीधी भर्ती हेतु/अतिशेष शिक्षको के कारण बाहर हुए अतिथि शिक्षकों को चॉइस फीलिंग में प्राथमिकता दी जाएगी।
6. संस्कृत वर्ग-1 स्कोर कार्ड वाले अतिथि शिक्षकों को संस्कृत वर्ग-2 में नियुक्ति का ऑप्शन स्कोर कार्ड में अंकित होगा।
7. सत्र 2023-24 में 30% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षकों को सत्र 2024-25 में नियुक्ति हेतु एक मौका दिया जाएगा।
8. जनजातीय का भी ऑनलाइन पोर्टल बनाया जायेगा।
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महापंचायत की घोषणाओं से बनाई दूरी
11 सितंबर को हुई बात अतिथि शिक्षकों की सिर्फ तात्कालिक मांगों पर ही हुई है। सरकार ने महापंचायत में हुई घोषणाओं पर बात करने से मना कर दिया है। 10 सितंबर को भी स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने स्पष्ट कह दिया था कि महापंचायत की घोषणाएं भूल जाएं और नये सिरे से बात करें।
कुल मिलाकर ये तय माना जा रहा है कि सरकार अब महापंचायत की घोषणा पर कोई बात करना नहीं चाह रही। इधर अतिथि शिक्षक संगठनों ने कहा है कि वे महापंचायत की घोषणा को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जिसे लेकर जल्द ही रणनीति बनाई जाएगी।
30 सितंबर तक आदेश जारी नहीं तो फिर होगा आंदोलन
अतिथि शिक्षक संगठनों की सरकार से बातचीत सकारात्मक रही है। हालांकि अतिथि शिक्षकों ने ये स्पष्ट कर दिया है कि यदि 30 सितंबर तक इन 8 बिंदुओं को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ तो वे 2 अक्टूबर को फिर भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे, हालांकि फिलहाल आंदोलन को स्थगित कर दिया है।