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हाइलाइट्स
शालिनी चौधरी एमपी एथलेटिक अकादमी की प्लेयर
रांची नेशनल की डिसकस थ्रो में जीता था गोल्ड
शालिनी का कोच भी रह चुका है डोपिंग का दोषी
MP News: मध्यप्रदेश के खेल विभाग को बड़ा झटका लगा है। एमपी खेल विभाग ( MP Sports Department) की एथलेटिक अकादमी की नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट थ्रोअर शालिनी चौधरी (Shalini Chaudhary) डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई है।
शालिनी ने पिछले साल रांची में हुई नेशनल फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक चैंपियनशिप के डिसकस थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था।
नाडा (National Anti doping Agency) की एक जुलाई को जारी हुई लिस्ट में शालिनी चौधरी को प्रतिबंधित दवा लेने का दोषी पाया गया है।
जिसके अनुसार अब शालिनी चौधरी के खेलने पर दो साल के लिए बैन रहेगा।
यहां बता दें खेल विभाग की संचालित अकादमियों में राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं खिलाड़ियों को मुहैया कराई जा रही हैं और इन पर हर साल करोड़ों रुपए का खर्च किए जा रहे (MP News) हैं।
शालिनी का छिनेगा मेडल, एमपी को भी नुकसान
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21 साल की शालिनी चौधरी रांची में पिछले साल हुए 26वें नेशनल फेडरेशन कप की विमेंस डिसकस थ्रो इवेंट में (49.35 मीटर ) प्रथम स्थान हासिल किया था और मप्र को गोल्ड मेडल दिलाया था।
इवेंट में दूसरे स्थान पर पंजाब की परमजोत कौर (48.76) रही थी, जबकि तीसरे स्थान पर उड़ीशा की सालमी किसपोटा (46.31 मीटर) रही (MP News) थी।
इसी क्रम में चौथे स्थान पर राजस्थान की भारती कुमारी (45.63 मीटर ) रही थी।
अब शालिनी चौधरी के मेडल छिनने से भारती कुमारी ब्रॉन्ज मेडल की हकदार बन जाएंगी।
वहीं दूसरे और तीसर स्थान पर रही क्रमश: परमजोत और सालमी किसपोटा के मेडल के रंग भी बदल जाएंगे। यानी गोल्ड और सिल्वर हो (MP News) जाएंगे।
इस प्रतिबंधित पदार्थ लेने की दोषी
NADA ने देशभर के 96 एथलीट्स को डोपिंग का दोषी ठहराया है। नाडा की 6 पेज की सूची में शालिनी चौधरी 93 नंबर दिखाई गई हैं।
उनके द्वारा मेटंडिएनोन मेटाबोलाइट (Metandienone metabolite) नामक प्रतिबंधित पदार्थ ( Prohibited Substance) लेना बताया गया है।
शालिनी चौधरी मूल रूप से यूपी की रहने वाली है, लेकिन 2017 से मध्यप्रदेश राज्य एथलेटिक अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हैं और एमपी की ओर से ही नेशनल स्पर्धाओं में खेल (MP News) रही है।
मप्र खेल एवं युवा कल्याण विभाग की एथलेटिक अकादमी भोपाल स्थित टीटी नगर स्टेडियम में संचालित है।
शालिनी को संदीप सिंह कोचिंग दे रहे हैं, जबकि अकादमी के चीफ कोच एसके प्रसाद (MP News) हैं।
कोच भी रह चुका है डोपिंग का दोषी, लगा था 4 साल को बैन
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कोच संदीप सिंह मूल रूप से आर्मी में खिलाड़ी रहे हैं और आजकल एमपी एथलेटिक अकादमी में थ्रोअर इवेंट (शॉटपुट, डिसकस और हेमर) के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
नाडा से मिली जानकारी के मुताबिक संदीप सिंह भी खिलाड़ी रहते डोपिंग के दोषी पाए गए थे और उन्हें चार साल का बैन भी झेलना पड़ा था।
अब सवाल उठ रहा है कि जो कोच खुद डोपिंग का दोषी रह चुका है, उसे आखिर कोचिंग की कमान क्यों दी गई है?
इसके अलावा डोपिंग का डंक महसूस कर चुके कोच ने खिलाड़ी के साथ क्यों सावधानी नहीं बरती?
एमपी में खेल विभाग की 18 अकादमी, 900 खिलाड़ी
एमपी खेल विभाग की राज्य में 18 खेल अकादमी संचालित हैं। इनमें 900 से ज्यादा बॉयज और गर्ल्स प्लेयर्स विभिन्न खेलों का प्रशिक्षिण ले रहे हैं।
एथलेटिक्स अकादमी में करीब 40 खिलाड़ी (बॉयज एंड गर्ल्स) प्रशिक्षणरत (MP News) हैं।
ये खिलाड़ी डोपिंग के दोषी- पूरी लिस्ट देखें
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