भोपाल। मप्र विधानसभा में झूमा सोलंकी, यशपाल सिसोदिया, जयवर्धन सिंह व बहादुर सिंह को सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान से अलंकृत किया। सदन की गरिमा में अभिवृद्धि, जनता की आशाओं की अभिव्यक्ति तथा सार्वजनिक जीवन में आचरण के उच्च प्रतिमान स्थापित करने के लिए उनका अभिनंदन । मध्य प्रदेश विधान सभा में डा. नरोत्तम मिश्र, श्री भूपेंद्र सिंह व जगदीश देवड़ा को पं. रविशंकर शुक्ल स्मृति सर्वश्रेष्ठ मंत्री सम्मान से अलंकृत किया। नागरिकों की आशाओं की पूर्ति, सदन में नियमों-प्रक्रियाओं की पालना तथा राज्य के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है।
प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रवि शंकर शुक्ल जी की स्मृति में स्थापित उत्कृष्ट मंत्री सम्मान से सम्मानित करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष श्री @ombirlakota, विधानसभा अध्यक्ष श्री @Girish_gautammp, मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj, चयन समिति के अध्यक्ष @SitasharanHBD का आभार। pic.twitter.com/PK1R5dPzhB
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) March 9, 2022
मध्यप्रदेश विधानसभा का गौरवशाली संसदीय इतिहास
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा का गौरवशाली संसदीय इतिहास रहा है। इस विधानसभा के माध्यम से यहां की पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने राज्य और देश के विकास को नई दिशा दी है। संसदीय कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले महानुभावों के सम्मान की परंपरा अनुकरणीय है। आजादी के बाद देश की 75 वर्ष की यात्रा में लोकतंत्र सशक्त हुआ है। देश की जनता का लोकतंत्र में जो भरोसा है और उसे कायम रखते हुए लोकतांत्रिक संस्थाओं को अधिक जवाबदेह बनाने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों को संवेदनशीलता के साथ निभानी है। बहुदलीय लोकतंत्र में जनता ने समय-समय पर विभिन्न विचारधाराओं को योग्यता के आधार पर शासन को दायित्व सौंपा है। लोकतंत्र में सरकार व विपक्ष की अहम भूमिका होती है। सत्ता जनहित में निर्णय ले और विपक्ष के उठाए मुद्दों पर ध्यान दे। विपक्ष भी सरकार को अधिक जवाबदेह बनाने की जिम्मेदारी निभाए।
सदनों की बैठकों की कम होती संख्या तथा बैठकों में माननीय सदस्यों की बढ़ती अनुपस्थिति चिंता का विषय है। सदस्य अधिक से अधिक समय सदन में बिताएं, चर्चा-संवाद में सक्रिय सहभागिता करें। चर्चा में अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं रहें बल्कि व्यापक दुष्टिकोण से राज्य व देश के विकास की बात करें। pic.twitter.com/bbihVNRJfm
— Om Birla (@ombirlakota) March 9, 2022
लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सदन जनता की भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए हैं। सदन के माध्यम से हम जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। परन्तु सदनों में नियोजित विरोध-अवरोध तथा माननीय राज्यपाल जी के अभिभाषण के बहिष्कार की बढ़ती घटनाएं लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सदनों की बैठकों की कम होती संख्या तथा बैठकों में माननीय सदस्यों की बढ़ती अनुपस्थिति चिंता का विषय है। सदस्य अधिक से अधिक समय सदन में बिताएं, चर्चा-संवाद में सक्रिय सहभागिता करें। चर्चा में अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं रहें बल्कि व्यापक दुष्टिकोण से राज्य व देश के विकास की बात करें।
सदन जनता की भावनाओं को अभिव्यक्त् करने के लिए हैं। सदन के माध्यम से हम जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। परन्तु सदनों में नियोजित विरोध-अवरोध तथा माननीय राज्यपाल जी के अभिभाषण के बहिष्कार की बढ़ती घटनाएं लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। pic.twitter.com/GVRsIai10b
— Om Birla (@ombirlakota) March 9, 2022
मध्यप्रदेश विधानसभा का गौरवशाली संसदीय इतिहास रहा है। इस विधानसभा के माध्यम से यहां की पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने राज्य और देश के विकास कोई नई दिशा दी है। संसदीय कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले महानुभावों के सम्मान की परंपरा अनुकरणीय है। pic.twitter.com/3AibpYyCR9
— Om Birla (@ombirlakota) March 9, 2022